Tuesday, 5 May 2020

उत्पत्ति - अध्याय 16 अब्राम और हजीरा का पुत्र इश्माइल । भाग - 5















पहला प्रश्न क्या कारण था की अब्राम की पत्नी ने अब्राम को अपनी नौकरानी से संतान करने को कहा ?

इसका जवाब है अब्राम की पत्नी सारै के कोई सन्तान न थी: और उसके हाजिरा नाम की एक मिस्री नौकरानी थी। सो सारै ने अब्राम से कहा, देख, यहोवा ने तो मेरी कोख बन्द कर रखी है सो मैं तुझ से बिनती करती हूं कि तू मेरी नौकरानी के पास जा: सम्भव है कि मेरा घर उसके द्वारा बस जाए। सो सारै की यह बात अब्राम ने मान ली। सो जब अब्राम को कनान देश में रहते दस वर्ष बीत चुके तब उसकी स्त्री सारै ने अपनी मिस्री नौकरानी हाजिरा को ले कर अपने पति अब्राम को दिया, कि वह उसकी पत्नी हो।

उत्पत्ति - अध्याय 16 वचन 1 से 3

God had promised Abram that he would be the father of a great nation. But he and Sarai his wife did not have children and now they were both old. – Slide 1

Sarai had an Egyptian servant called Hagar. She took her to Abram and said, ‘I have not borne children but I am giving you Hagar so you can have a child with her.’ Abram and Hagar conceived a child together. – Slide 2

दूसरा प्रश्न जब हजीरा को मालूम हुआ की वह अब्राम के द्वारा गर्भवती है तो उसका व्यवहार अब्राम की पत्नी सारे के प्रति कैसा हो गया ?

इसका जवाब है और वह हाजिरा के पास गया, और वह गर्भवती हुई और जब उसने जाना कि वह गर्भवती है तब वह अपनी स्वामिनी को अपनी दृष्टि में तुच्छ समझने लगी।

उत्पत्ति - अध्याय 16 वचन 4

Once she was pregnant Hagar despised Sarai who in turn mistreated her. Life for Hagar was so miserable that she ran away into the desert. – Slide 3
तीसरा प्रश्न हाज़िर के इस व्यवहार को देख अब्राम की पत्नी ने क्या कदम उठाया ?

इसका जवाब है तब सारै ने अब्राम से कहा, जो मुझ पर उपद्रव हुआ सो तेरे ही सिर पर हो: मैं ने तो अपनी नौकरानी को तेरी पत्नी कर दिया; पर जब उसने जाना कि वह गर्भवती है, तब वह मुझे तुच्छ समझने लगी, सो यहोवा मेरे और तेरे बीच में न्याय करे। अब्राम ने सारै से कहा, देख तेरी नौकरानी तेरे वश में है: जैसा तुझे भला लगे वैसा ही उसके साथ कर। सो सारै उसको दु:ख देने लगी और वह उसके साम्हने से भाग गई।

उत्पत्ति - अध्याय 16 वचन 5 से 6

How to Have a Happy Family | Christian husband, Love your wife ...
चौथा प्रश्न हजीरा के बेदखल किये जाने के बाद परमेश्वर के दूत ने हाजिरा से दर्शन में क्या कहा ?

इसका जवाब है तब यहोवा के दूत ने उसको जंगल में शूर के मार्ग पर जल के एक सोते के पास पाकर कहा हे सारै की सेविका हाजिरा, तू कहां से आती और कहां को जाती है? उसने कहा, मैं अपनी स्वामिनी सारै के साम्हने से भाग आई हूं। यहोवा के दूत ने उससे कहा, अपनी स्वामिनी के पास लौट जा और उसके वश में रह। और यहोवा के दूत ने उससे कहा, मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाऊंगा, यहां तक कि बहुतायत के कारण उसकी गणना न हो सकेगी। और यहोवा के दूत ने उससे कहा, देख तू गर्भवती है, और पुत्र जनेगी, सो उसका नाम इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दु:ख का हाल सुन लिया है।

उत्पत्ति - अध्याय 16 वचन 7 से 11

‘Hagar, where have you come from, and where are you going?’ the angel asked. – Slide 5

पांचवा प्रश्न हाज़िर के पुत्र का नाम क्या है ?

इसका जवाब है सो हाजिरा अब्राम के द्वारा एक पुत्र जनी: और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम, जिसे हाजिरा जनी, इश्माएल रखा।

उत्पत्ति - अध्याय 16 वचन 15

Hagar obeyed and when the child was born he was named Ishmael. She never forgot how God had come to her rescue and announced, ‘You are the God who sees me.’ – Slide 8



याद करने का वचन !


क्योंकि जो वचन परमेश्वर की ओर से होता है वह प्रभावरिहत नहीं होता। लूका - अध्याय 1 वचन 37

हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको परमेश्वर की और से अब्राम के बुलाए जाने को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 7 मई रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!

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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!

Friday, 1 May 2020

उत्पत्ति - अध्याय 15 परमेश्वर का अब्राम के साथ वाचा बांधना |
















पहला प्रश्न परमेश्वर ने अब्राम को दर्शन में क्या आषीषे दी ?

इसका जवाब है इन बातों के पश्चात यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुंचा, कि हे अब्राम, मत डर; तेरी ढाल और तेरा अत्यन्त बड़ा फल मैं हूं। अब्राम ने कहा, हे प्रभु यहोवा मैं तो निर्वंश हूं, और मेरे घर का वारिस यह दमिश्की एलीएजेर होगा, सो तू मुझे क्या देगा? और अब्राम ने कहा, मुझे तो तू ने वंश नहीं दिया, और क्या देखता हूं, कि मेरे घर में उत्पन्न हुआ एक जन मेरा वारिस होगा। तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा, कि यह तेरा वारिस न होगा, तेरा जो निज पुत्र होगा, वही तेरा वारिस होगा। और उसने उसको बाहर ले जाके कहा, आकाश की ओर दृष्टि करके तारागण को गिन, क्या तू उन को गिन सकता है? फिर उसने उससे कहा, तेरा वंश ऐसा ही होगा। उसने यहोवा पर विश्वास किया; और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धर्म गिना।

उत्पत्ति - अध्याय 15 वचन 1 से 6

God spoke to Abram in a vision, ‘Do not be afraid, Abram. I am your shield, your very great reward.’ – Slide 1

दूसरा प्रश्न जब अब्राम को परमेश्वर ने आशीष दी तो अब्राम ने परमेश्वर से क्या कहा ?

इसका जवाब है! और उसने उससे कहा मैं वही यहोवा हूं जो तुझे कस्दियों के ऊर नगर से बाहर ले आया, कि तुझ को इस देश का अधिकार दूं। उसने कहा, हे प्रभु यहोवा मैं कैसे जानूं कि मैं इसका अधिकारी हूंगा?

उत्पत्ति - अध्याय 15 वचन 7 से 8

Abram protested, ‘Sovereign Lord, You have not given me any children and the person who will inherit all I have is my servant, Eliezer of Damascus.’ – Slide 2

तीसरा प्रश्न परमेश्वर ने अब्राम को विश्वास दिलाने के लिए क्या करने को कहा ? और ऐसा करने का क्या मतलब है ?

इसका जवाब है! यहोवा ने उससे कहा, मेरे लिये तीन वर्ष की एक कलोर, और तीन वर्ष की एक बकरी, और तीन वर्ष का एक मेंढ़ा, और एक पिण्डुक और कबूतर का एक बच्चा ले। और इन सभों को ले कर, उसने बीच में से दो टुकड़े कर दिया, और टुकड़ों को आम्हने-साम्हने रखा: पर चिडिय़ाओं को उसने टुकड़े न किया।

जिसका मतलब है की परमेश्वर अब्राम से एक वादा करने जा रहा था ये तरीका उस समय का एक रिवाज होता था । जिसमे बलिदान की वास्तु के दो टुकड़े कर के आमने सामने रखा जाता था और जिसने वादा किया है वह उस बलिदान के बीच से हो कर चलता था और परमेश्वर ने अब्राम को आशीष देने का वादा किया था । इसलिए परमेश्वर ने बलिदान की वास्तु को दो टुकड़े करके उसे आमने सामने रखने को कहा क्युकी परमेश्वर उस बलिदान के बीच से हो कर जाने वाला था जिससे अब्राम को इस बात का विश्वास हो जाता की परमेश्वर उसे आशीष देगा ।

उत्पत्ति - अध्याय 15 वचन 9 से 10

Abram obeyed and sacrificed the animals cutting all but the birds in half. – Slide 6

He laid their carcasses, arranged in the halves, opposite each other. Birds of prey came down but Abram drove them away. – Slide 7

चौथा प्रश्न परमेश्वर ने अब्राम को भारी नींद में डाल कर अब्राम से क्या बात चित की ?

इसका जवाब है! जब सूर्य अस्त होने लगा, तब अब्राम को भारी नींद आई; और देखो, अत्यन्त भय और अन्धकार ने उसे छा लिया। तब यहोवा ने अब्राम से कहा, यह निश्चय जान कि तेरे वंश पराए देश में परदेशी हो कर रहेंगे, और उसके देश के लोगों के दास हो जाएंगे; और वे उन को चार सौ वर्ष लों दु:ख देंगे; फिर जिस देश के वे दास होंगे उसको मैं दण्ड दूंगा: और उसके पश्चात वे बड़ा धन वहां से ले कर निकल आएंगे। तू तो अपने पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा; तुझे पूरे बुढ़ापे में मिट्टी दी जाएगी। पर वे चौथी पीढ़ी में यहां फिर आएंगे: क्योंकि अब तक एमोरियों का अधर्म पूरा नहीं हुआ।

उत्पत्ति - अध्याय 15 वचन 12 से 16

As the sun set Abram fell into a deep sleep and a dreadful darkness came over him. God warned that Abram’s descendants would be mistreated as slaves in a strange country for 400 years. – Slide 8

The God explained He would punish the nation that made them slaves, and deliver them. They would leave that land with great possessions to live in the land God had promised. God promised Abram he would live in peace to an old age . – Slide 9

पांचवा प्रश्न परमेश्वर जब बलिदान की हुई वस्तुओ से गुजरने के लिए आने वाला था तब परमेश्वर का आना कैसा था और परमेश्वर ने अब्राम के  वश में किन देशो को कर दिया ?

इसका जवाब है! और ऐसा हुआ कि जब सूर्य अस्त हो गया और घोर अन्धकार छा गया, तब एक अंगेठी जिस में से धुआं उठता था और एक जलता हुआ पतीला देख पड़ा जो उन टुकड़ों के बीच में से हो कर निकल गया उसी दिन यहोवा ने अब्राम के साथ यह वाचा बान्धी, कि मिस्र के महानद से ले कर परात नाम बड़े नद तक जितना देश है अर्थात, केनियों, कनिज्जियों, कद्क़ोनियों हित्तियों, परीज्जियों, रपाइयों एमोरियों, कनानियों, गिर्गाशियों और यबूसियों का देश मैं ने तेरे वंश को दिया है॥

उत्पत्ति - अध्याय 15 वचन 17 से 21

When the sun had set a smoking firepot with a blazing torch appeared and passed between the carcasses Abram had laid on the ground. God promised Abram to give his descendants the land from the Wadi of Egypt to the river Euphrates. – Slide 10

However, Abraham and his wife Sarai became older and older without having a family of their own. The son God promised did not arrive and Sarai became too old to have children. Would God keep His promise? How would Abram have descendants? – Slide 11




याद करने के लिए वचन

और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना असंभव है; क्‍योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले को विश्वास करना चाहिए कि वह है, और अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है। इब्रानियों - अध्याय 11 : 6






Thursday, 30 April 2020

येशु मसीह के पांच बड़े चमत्कार |

यीशु एक अंधे की आँख छूकर उसे चंगा करता है


दोस्तों प्रभु येशु मसीह ने अपने जीवन काल में ऐसे अद्भुत चमत्कार किए जिसे जान कर आप सभी हैरान रह जाएंगे ।

नंबर - १ लकवे के रोगी को चंगा करना ।

एक बार जब यीशु एक घर में रुका था तो कुछ लोग उसके पास एक ऐसे आदमी को लाना चाहते थे जो बिस्तर से नहीं उठ सकता था। मगर घर में इतनी भीड़ थी कि वे अंदर नहीं जा पाए। इसलिए उन्होंने छत में एक छेद कर दी और उस आदमी को नीचे यीशु के पास उतार दिया। यीशु ने उस आदमी से कहा, ‘उठ और चल।’ जब वह उठकर चलने लगा तो लोग हैरान रह गए।

नंबर - २ दस बीमार कोडियो को चंगा करना

एक और बार जब यीशु एक गाँव के अंदर जा रहा था तो दूर में 10 आदमी खड़े थे जिन्हें कोढ़ की बीमारी थी। उन्होंने चिल्लाकर कहा, ‘यीशु, हमारी मदद कर!’ उन दिनों, कोढ़ियों को दूसरे लोगों के पास नहीं जाने दिया जाता था। यीशु ने उन आदमियों से कहा कि वे मंदिर जाएँ, क्योंकि यहोवा के कानून में लिखा था कि जब कोई कोढ़ी ठीक हो जाता है तो उसे मंदिर जाना चाहिए। जब वे वहाँ जा रहे थे तो  रास्ते में ठीक हो गए। उनमें से एक कोढ़ी ने जब देखा कि वह ठीक हो गया है तो वह वापस यीशु के पास आया। उसने यीशु को शुक्रिया कहा और परमेश्‍वर की महिमा की। उन 10 आदमियों में से सिर्फ एक ने यीशु को शुक्रिया कहा।

नंबर ३ बारह वर्ष से लहू बहने वाली औरत को चंगा करना ।

एक औरत 12 साल से बीमार थी और वह किसी तरह ठीक होना चाहती थी। वह एक भीड़ में यीशु के पीछे से आयी और उसके कपड़े का छोर छुआ। उसे छूते ही वह ठीक हो गयी। तब यीशु ने पूछा, “किसने मुझे छुआ?” वह औरत डर गयी, फिर भी उसने सामने आकर सच बता दिया। यीशु ने यह कहकर उसका डर दूर किया, ‘बेटी, जा और चिंता मत कर।’

नंबर ४ मरी हुई लड़की को जिन्दा करना ।

याइर नाम के एक अधिकारी ने यीशु से बिनती की, ‘मेरे घर आ! मेरी बच्ची बहुत बीमार है।’ मगर यीशु के वहाँ पहुँचने से पहले ही वह लड़की मर गयी। जब यीशु वहाँ पहुँचा तो उसने देखा कि बहुत-से लोग उस परिवार के साथ दुख मनाने आए थे। यीशु ने उनसे कहा, ‘मत रो, बच्ची बस सो रही है।’ फिर उसने लड़की का हाथ पकड़कर कहा, “बच्ची, उठ!” लड़की फौरन उठ गयी। यीशु ने उसके माता-पिता से कहा कि वे उसे कुछ खाने को दें। ज़रा सोचिए, उस बच्ची के माता-पिता कितने खुश हुए होंगे!

Number - 5

एक बार यीशु और उसके चेले नाव में गलील सागर पार कर रहे थे कि अचानक एक ज़ोरदार आँधी चलने लगी। इस पर चेलों का दिल काँप उठा। पर यीशु ने आँधी की तरफ देखकर कहा: “शश्श! खामोश हो जाओ!” तब आँधी थम गयी और बड़ा सन्नाटा छा गया। 

यीशु ने बड़े-बड़े चमत्कार किए, जो किसी इंसान के बस की बात नहीं। क्योंकि ऐसा करने की शक्‍ति उसे परमेश्वर से मिली थी। यीशु ने अकसर ये चमत्कार सैकड़ों-हज़ारों लोगों के सामने किए। इन चमत्कारों से साबित हुआ कि यीशु के पास उसके दुश्मनों से कहीं ज़्यादा ताकत है और वह उन बड़ी-बड़ी समस्याओं को आसानी से सुलझा सकता है, जिन्हें दूर करना इंसान के लिए नामुमकिन है।

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Wednesday, 29 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 14 अब्राम का परमेश्वर की और से चुना जाना भाग - 3 | लूत को बचाना

















प्रभु येशु मसीह के पवित्र और जीवित नाम में आप सभी को जय मसीह की !

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हमारा आज का विषय है! उत्पत्ति - अध्याय 14 अब्राम का परमेश्वर की और से चुना जाना भाग - 3 |  लूत को बचाना

पहला प्रश्न जब अब्राम को पता चला की विरोधी देश ने उसके भतीजे लूत को बंदी बना लिया तब अब्राम ने अपने भतीजे लूत को बचाने के लिए क्या कदम उठाए ? 

इसका जवाब है। यह सुनकर कि उसका भतीजा बन्धुआई में गया है, अब्राम ने अपने तीन सौ अठारह शिक्षित, युद्ध कौशल में निपुण दासों को ले कर जो उसके कुटुम्ब में उत्पन्न हुए थे, अस्त्र शस्त्र धारण करके दान तक उनका पीछा किया। और अपने दासों के अलग अलग दल बान्धकर रात को उन पर चढ़ाई करके उन को मार लिया और होबा तक, जो दमिश्क की उत्तर ओर है, उनका पीछा किया। और सारे धन को, और अपने भतीजे लूत, और उसके धन को, और स्त्रियों को, और सब बन्धुओं को, लौटा ले आया।

उत्पत्ति - अध्याय 14 वचन 14 से 16



FreeBibleimages :: Gideon pursues the Midianites :: Gideon persues ...

प्रश्न दूसरा किस राजा ने अब्राम की विजय पर उसे बहुत सारी आषीषे दी ?

इसका जवाब जब शालेम का राजा मेल्कीसेदेक, जो परमप्रधान ईश्वर का याजक था, रोटी और दाखमधु ले आया। और उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, कि परमप्रधान ईश्वर की ओर से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, तू धन्य हो। और धन्य है परमप्रधान ईश्वर, जिसने तेरे द्रोहियों को तेरे वश में कर दिया है। तब अब्राम ने उसको सब का दशमांश दिया।

उत्पत्ति - अध्याय 14 वचन 18 से 20

प्रश्न तीसरा जब सदोम के राजा ने अब्राम को धन दौलत देने की कोशिश की तो अब्राम ने उसे क्या उत्तर दिया ?

इसका जवाब जब सदोम के राजा ने अब्राम से कहा, प्राणियों को तो मुझे दे, और धन को अपने पास रख। अब्राम ने सदोम के राजा से कहा, परमप्रधान ईश्वर यहोवा, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है उसकी मैं यह शपथ खाता हूं, कि जो कुछ तेरा है उस में से न तो मैं एक सूत, और न जूती का बन्धन, न कोई और वस्तु लूंगा; कि तू ऐसा न कहने पाए, कि अब्राम मेरे ही कारण धनी हुआ। पर जो कुछ इन जवानों ने खा लिया है और उनका भाग जो मेरे साथ गए थे; अर्थात आनेर, एश्कोल, और माम्रे मैं नहीं लौटाऊंगा वे तो अपना अपना भाग रख लें॥

Abram and his nephew Lot, their families, flocks and herds settled in Bethel in Canaan, living alongside the local Canaanite tribes. Abraham had become very wealthy in livestock plus silver and gold. – Slide 1


उत्पत्ति - अध्याय 14 वचन 21 से 24

याद करने योग्य वचन 

तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। 

नीतिवचन - अध्याय 3 वचन  5 से 6






















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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!



Monday, 27 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 13 परमेश्वर की और से अब्राम का चुना जाना भाग - 2 | अब्राम और उसके भतीजे लूत का अलग हो जाना |

प्रभु येशु मसीह के पवित्र और जीवित नाम में आप सभी को जय मसीह की !

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हमारा आज का विषय है! उत्पत्ति - अध्याय 13 परमेश्वर की और से अब्राम का चुना जाना! भाग - 2 | अब्राम और उसके भतीजे लूत का अलग हो जाना |














पहला प्रश्न अब्राम अपने परिवार के साथ किस देश में जा कर रहने लगा ? अब्राम और उसके भतीजे लूत की क्या खासियत थी ?

इसका जवाब है | अब्राम अपनी पत्नी, और अपनी सारी सम्पत्ति ले कर, लूत को भी संग लिये हुए, मिस्र को छोड़ कर कनान के दक्खिन देश में आया। अब्राम भेड़-बकरी, गाय-बैल, और सोने-रूपे का बड़ा धनी था। और लूत के पास भी, जो अब्राम के साथ चलता था, भेड़-बकरी, गाय-बैल, और तम्बू थे।

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 1 - 6

Abram and his nephew Lot, their families, flocks and herds settled in Bethel in Canaan, living alongside the local Canaanite tribes. Abraham had become very wealthy in livestock plus silver and gold. – Slide 1

Lots too had flocks, herds and tents. – Slide 2


दूसरा प्रश्न किन चरवाहों के बीच झगड़ा हुआ | और इस झगड़े का क्या नतीजा निकला ?

इसका जवाब है| सो अब्राम, और लूत की भेड़-बकरी, और गाय-बैल के चरवाहों के बीच में झगड़ा हुआ: और उस समय कनानी, और परिज्जी लोग, उस देश में रहते थे।  तब अब्राम लूत से कहने लगा, मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; क्योंकि हम लोग भाई बन्धु हैं। क्या सारा देश तेरे साम्हने नहीं? सो मुझ से अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊंगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए तो मैं बाईं ओर जाऊंगा।

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 7 - 9

Quarrels arose between the herdsmen looking after Abram’s and Lot’s animals. – Slide 5

But there was not enough pasture for both Abram’s and Lot’s animals to graze. – Slide 3

तीसरा प्रश्न अब्राम के भतीजे लूत ने कौन सी जगह का चुनाव किया ?

इसका जवाब है | तब लूत ने आंख उठा कर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा, कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और अमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की बाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी। सो लूत अपने लिये यरदन की सारी तराई को चुन के पूर्व की ओर चला, और वे एक दूसरे से अलग हो गए।

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 10 - 11

Lot saw that the plain of Jordan (an area around what we now call the Dead Sea) was well watered with good pasture lands. – Slide 7


चौथा प्रश्न अब्राम और उसका भतीजा लूत अलग होने के बाद कहा जाकर रहने लगे ?

इसका जवाब है| अब्राम तो कनान देश में रहा, पर लूत उस तराई के नगरों में रहने लगा; और अपना तम्बू सदोम के निकट खड़ा किया। 

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 12

So Lot, his family and his flocks and herds moved off east to live in the plain of Jordan. They pitched their tents near the city of Sodom. – Slide 9

पांचवा प्रश्न किस देश के लोग परमेश्वर की नज़र में पापी थे ?
इसका जवाब है| सदोम के लोग यहोवा के लेखे में बड़े दुष्ट और पापी थे?

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 13

प्रश्न छ : परमेश्वर ने दर्शन के जरिए अब्राम को क्या आशीषें दी ?

इसका जवाब है| जब लूत अब्राम से अलग हो गया तब उसके पश्चात यहोवा ने अब्राम से कहा, आंख उठा कर जिस स्थान पर तू है वहां से उत्तर-दक्खिन, पूर्व-पश्चिम, चारों ओर दृष्टि कर। क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को युग युग के लिये दूंगा। और मैं तेरे वंश को पृथ्वी की धूल के किनकों की नाईं बहुत करूंगा, यहां तक कि जो कोई पृथ्वी की धूल के किनकों को गिन सकेगा वही तेरा वंश भी गिन सकेगा। उठ, इस देश की लम्बाई और चौड़ाई में चल फिर; क्योंकि मैं उसे तुझी को दूंगा।  इसके पशचात् अब्राम अपना तम्बू उखाड़ कर, माम्रे के बांजों के बीच जो हेब्रोन में थे जा कर रहने लगा, और वहां भी यहोवा की एक वेदी बनाई॥

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 14 - 18

God promised Abram he would bless him and make him the father of a great nation. Those who blessed his descendants would be blessed by God and those who cursed his descendants would be cursed. – Slide 2



याद करने के लिए वचन ! 

यीशु ने उस को उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।

यूहन्ना - अध्याय 3 : 3

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Thursday, 23 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 12 परमेश्वर ने अपने कार्य के लिए किसे चुना | परमेश्वर की और से अब्राम के बुलाए जाने का वर्णन ।


प्रश्न 1 परमेश्वर ने अपनी योजनाओ को पूरा करने के लिए किस मनुष्य को चुना और क्या आशीष दी ?

इसका जवाब है! यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा।

और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा। और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे। यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 1 से 4

Abraham, the Father of Faith | True Faith

प्रश्न 2 परमेश्वर के आदेश के मुताबिक अब्राम अपने परिवार के साथ किस देश में जा पहुंचा ?

इसका जवाब है! सो अब्राम अपनी पत्नी सारै, और अपने भतीजे लूत को, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किए थे, सब को ले कर कनान देश में जाने को निकल चला; और वे कनान देश में आ भी गए।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 6

Genesis 11 v 27-32 Abram obeyed and set off with his wife Sarai, his father Terah and his nephew Lot. – Slide 3

प्रश्न 3 कनान देश के विषय में अब्राम को परमेश्वर ने क्या आशीष दी ?

इसका जवाब है! तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, यह देश मैं तेरे वंश को दूंगा: और उसने वहां यहोवा के लिये जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 7

God promised Abram he would bless him and make him the father of a great nation. Those who blessed his descendants would be blessed by God and those who cursed his descendants would be cursed. – Slide 2

प्रश्न 4 क्या कारण था की अब्राम को वह देश छोड़ कर जाना पड़ा ?

इसका जवाब है! और उस देश में अकाल पड़ा: और अब्राम मिस्र देश को चला गया कि वहां परदेशी हो कर रहे -- क्योंकि देश में भयंकर अकाल पड़ा था।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 10


प्रश्न 5 जब अब्राम अपने परिवार के साथ मिस्र की और जाने लगा तो क्या कारण था की अब्राम ने अपनी पत्नी से कहा की यह तू मेरी बहन बन कर रहना ?

इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि मिस्र के निकट पहुंचकर, उसने अपनी पत्नी सारै से कहा, सुन, मुझे मालूम है, कि तू एक सुन्दर स्त्री है: इस कारण जब मिस्री तुझे देखेंगे, तब कहेंगे, यह उसकी पत्नी है, सो वे मुझ को तो मार डालेंगे, पर तुझ को जीती रख लेंगे। सो यह कहना, कि मैं उसकी बहिन हूं; जिस से तेरे कारण मेरा कल्याण हो और मेरा प्राण तेरे कारण बचे।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 11 से 13

As they entered Egypt Abram became worried. His wife Sarai was very beautiful. He feared that Pharaoh might kill him so he could take Sarai as his wife. So, he told Sarai to pretend she was not his wife but his sister. – Slide 14

प्रश्न 6 अब्राम की पत्नी के कारण मिस्रियों ने अब्राम से क्या वयवहार किया ?

इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि जब अब्राम मिस्र में आया, तब मिस्रियों ने उसकी पत्नी को देखा कि यह अति सुन्दर है। और फिरौन के हाकिमों ने उसको देखकर फिरौन के साम्हने उसकी प्रशंसा की: सो वह स्त्री फिरौन के घर में रखी गई। और उसने उसके कारण अब्राम की भलाई की; सो उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, दास-दासियां, गदहे-गदहियां, और ऊंट मिले।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 11 से 13

Abram brought back Lot, the captive people, and their possessions. The king of Salem met Abram and blessed him: 'Blessed be Abram of God Most High, Possessor of heaven and earth; And blessed be God Most High, Who has delivered your enemies into your hand.’ He gave him a tenth of all. Genesis 14:19-20 (NASB). – Slide 9

प्रश्न 7 क्या कारण था की परमेश्वर ने मिस्र के राजा पर परेशानिया डाली ? और जब राजा को सचाई की पता चला तो उसने क्या किया ?

इसका जवाब है! तब यहोवा ने फिरौन और उसके घराने पर, अब्राम की पत्नी सारै के कारण बड़ी बड़ी विपत्तियां डालीं। सो फिरौन ने अब्राम को बुलवा कर कहा, तू ने मुझ से क्या किया है? तू ने मुझे क्यों नहीं बताया कि वह तेरी पत्नी है? तू ने क्यों कहा, कि वह तेरी बहिन है? मैं ने उसे अपनी ही पत्नी बनाने के लिये लिया; परन्तु अब अपनी पत्नी को ले कर यहां से चला जा। और फिरौन ने अपने आदमियों को उसके विषय में आज्ञा दी और उन्होंने उसको और उसकी पत्नी को, सब सम्पत्ति समेत जो उसका था, विदा कर दिया॥

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 17 से 20

Pharaoh’s officials told Pharaoh how beautiful Abram’s ‘sister’ was and he took her into his palace. He gave Abram cattle, donkeys servants and gifts. – Slide 15

याद करने के लिए वचन !

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।

यूहन्ना - अध्याय 1  वचन 12



हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको परमेश्वर की और से अब्राम के बुलाए जाने को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर! का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 27 अप्रैल रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!

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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!


Wednesday, 22 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 11 इस धरती पर भाषाओ का जन्म कैसे हुआ । बाबेल के गुम्मट की कहानी ।



भूमिका 















अपने चारो और देखिये आपको सब कुछ सामान्य दिखेगा लेकिन एक बात है जो मनुष्य को दूसरे मनुष्य से भिन्न करती है अर्थात उनकी बोली कोई पंजाबी, कोई मराठी, कोई बिहारी, कोई बंगाली, आदि बहुत सी भाषाओ में लोग एक दूसरे से बात करते है लेकिन क्या कभी अपने सोचा की ऐसा क्यों जब सभी सामान्य है तो मनुष्य की बोली में अंतर् क्यों आइए जानते है इसकी सचाई और पवित्र शास्त्र बाइबल इस विषय के बारे में क्या कहती है ।

प्रश्न 1 प्राचीन समय में धरती पर कितनी भाषाए थी ?

इसका जवाब है!  सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।

उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 1

Introduction to Section 5 | Children's Bible Lessons

प्रश्न 2 मनुष्यो ने एक साथ रहने के विषय में क्या योजना बनाई ?

इसका जवाब है! तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।

उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 3 से 4


Did Our Languages Come From the “Tower of Babel”?


प्रश्न 3 परमेश्वर ने जब देखा की लोग एक किला रहने के लिए बना रहे है तो उनके साथ क्या बर्ताव किया ?

इसका जवाब है! जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब इन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया। और यहोवा ने कहा, मैं क्या देखता हूं, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जितना वे करने का यत्न करेंगे, उस में से कुछ उनके लिये अनहोना न होगा। इसलिये आओ, हम उतर के उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें। इस प्रकार यहोवा ने उन को, वहां से सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया; और उन्होंने उस नगर का बनाना छोड़ दिया। इस कारण उस नगर को नाम बाबुल पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, सो यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया॥

उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 5 से 9

The Tower of Babel | Children's Bible Lessons

प्रश्न 4 क्या कारण था की परमेश्वर ने मनुष्य के बनाए गुम्मट को अर्थात किले को क्रोधित हो कर नाश कर दिया ? 

इसका जवाब है! परमेश्वर ने मनुष्यो की सृष्टि इसलिए की थी क्युकी परमेश्वर चाहता था की मनुष्य धरती पर फैल जाए और धरती मनुष्यो से भर जाए लेकिन बाबेल का गुम्मट बनाने वाले मनुष्यो ने आपस में सहमति कर के कहा की हम एक किला बनाएँगे और सब साथ रहेंगे जैसा की लिखा है तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।

उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 3 से 4

जिसका अर्थ यह की वह परमेश्वर के दी हुई आज्ञा का विरोध कर रहे थे जैसा की परमेश्वर ने आदम से कहा था । और परमेश्वर ने उन को आशीष दी! और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ! उत्पत्ति - अध्याय 1 वचन 28


लेकिन बाबेल का किला बनाने वाले मनुष्य इस आज्ञा का विरोध कर रहे थे और धरती पर फैलना नहीं चाहते थे बल्कि एक साथ रहना चाहते थे यही कारण था की परमेश्वर ने मनुष्यो को भाषा में गड़बड़ी डाल दी जिस वजह से वह एक दूसरे की भाषा को समझ नहीं पाए और अलग अलग हो गए ।

















याद करने के लिए वचन 

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।

यूहन्ना - अध्याय 14 वचन 6


हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको मनुष्य की भाषा में गड़बड़ी कैसे आई को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर! का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 25 अप्रैल रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!


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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!