भूमिका
प्रिय मसीह भाइयो और बहनो क्या आप जानते है वो क्या चीज़ है जो हमे परमेश्वर से दूर करता है और उसके पास नहीं आने देता! इसका जवाब है हमारे पाप! क्युकी परमेश्वर पूरी तरह पवित्र है उसके तुल्य इस धरती पर कोई भी नहीं है! न कभी हो स्का! यही एक कारन है जो हमे परमेश्वर के करीब नहीं जाने देता! क्युकी अंधकार और ज्योति कभी एक साथ नहीं रह सकते! उसी प्रकार पापी और अपवित्र लोग परमेश्वर के पास नहीं जा सकते! लकिन क्या आपको पता है पाप की शुरवात खा से हुई! वह क्या कारण थे जिसकी वजह से परमेश्वर के बनाए लोग पापी हो गए! और परमेश्वर से दूर हो गए! क्या है इसके पीछे की कहानी! जिसने हमे परम पिता परमेश्वर से दूर कर दिया! आइए जानते है पवित्र शास्त्र बाइबल इस विषय के बारे में क्या कहता है!
प्रश्न 1 : वह कौनसा प्राणी था जिसने मनुष्य को आज्ञा तोड़ने के लिए बहकाया ?
इसका जवाब है! परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना?
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 1
प्रश्न 2 : स्त्री ने सर्प के सवाल का क्या उत्तर दिया?
इसका जवाब है! स्त्री ने सर्प से कहा! इस बाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं! पर जो वृक्ष बाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे!
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 2 से 3
प्रश्न 3 : सर्प ने स्त्री को आज्ञा तोड़ने के लिए कैसे बहकाया?
इसका जवाब है! तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे वरन परमेश्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 4 से 5
प्रश्न 4 : सर्प के बहकाए जाने पर स्त्री ने क्या किया और दी हुई आज्ञा तोड़ने का क्या नतीजा निकला?
इसका जवाब है! सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 6 से 7
प्रश्न 5 आदम और हवा ने परमेश्वर की आने की आहत सुनते ही क्या प्रतिक्रिया दी?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय बाटिका में फिरता था उसका शब्द उन को सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्नी बाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 8
प्रश्न 6 परमेश्वर के द्वारा आदम को पुकारे जाने पर आदम और हवा ने क्या कहा वर्णन करें ?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है? उसने कहा, मैं तेरा शब्द बारी में सुन कर डर गया क्योंकि मैं नंगा था; इसलिये छिप गया। उसने कहा, किस ने तुझे चिताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैं ने तुझे बर्जा था, क्या तू ने उसका फल खाया है? आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया। तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, तू ने यह क्या किया है? स्त्री ने कहा, सर्प ने मुझे बहका दिया तब मैं ने खाया।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 9 से 13
प्रश्न 7 जिस सर्प ने स्त्री को आज्ञा तोड़ने के लिए बहकाया था परमेश्वर ने उसे क्या श्राप दिया?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा, तू ने जो यह किया है इसलिये तू सब घरेलू पशुओं, और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 14 से 15
प्रश्न 8 आज्ञा तोड़े जाने पर परमेश्वर ने स्त्री को क्या श्राप दिया?
इसका जवाब है! फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊंगा; तू पीड़ित हो कर बालक उत्पन्न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 16
प्रश्न 9 आज्ञा तोड़े जाने पर परमेश्वर ने आदम को क्या श्राप दिया ?
इसका जवाब है! और आदम से उसने कहा, तू ने जो अपनी पत्नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैं ने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना उसको तू ने खाया है, इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है: तू उसकी उपज जीवन भर दु:ख के साथ खाया करेगा: और वह तेरे लिये कांटे और ऊंटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा ;और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा, और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा; क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है, तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 17 से 19
प्रश्न 10 इस घटना के बाद आदम ने अपनी पत्नी का क्या नाम रखा और इस नाम का क्या अर्थ है ?
इसका जवाब है! और आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा; क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं उन सब की आदिमाता वही हुई।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 20
प्रश्न 11 आज्ञा तोड़े जाने के बाद परमेश्वर ने आदम और हवा से क्या बर्ताव किया ?
इसका जवाब है! और यहोवा परमेश्वर ने आदम और उसकी पत्नी के लिये चमड़े के अंगरखे बना कर उन को पहिना दिए। फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है: इसलिये अब ऐसा न हो, कि वह हाथ बढ़ा कर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे। तब यहोवा परमेश्वर ने उसको अदन की बाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस में से वह बनाया गया था। इसलिये आदम को उसने निकाल दिया और जीवन के वृक्ष के मार्ग का पहरा देने के लिये अदन की बाटिका के पूर्व की ओर करुबों को, और चारों ओर घूमने वाली ज्वालामय तलवार को भी नियुक्त कर दिया॥
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 21 से 24
याद करने के लिए वचन !
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है॥ रोमियो - अध्याय 6 वचन 23
हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको मनुष्य किस प्रकार पापी हुआ और परमेश्वर से दूर हुआ को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर! का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 18 अप्रैल रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!
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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!
प्रिय मसीह भाइयो और बहनो क्या आप जानते है वो क्या चीज़ है जो हमे परमेश्वर से दूर करता है और उसके पास नहीं आने देता! इसका जवाब है हमारे पाप! क्युकी परमेश्वर पूरी तरह पवित्र है उसके तुल्य इस धरती पर कोई भी नहीं है! न कभी हो स्का! यही एक कारन है जो हमे परमेश्वर के करीब नहीं जाने देता! क्युकी अंधकार और ज्योति कभी एक साथ नहीं रह सकते! उसी प्रकार पापी और अपवित्र लोग परमेश्वर के पास नहीं जा सकते! लकिन क्या आपको पता है पाप की शुरवात खा से हुई! वह क्या कारण थे जिसकी वजह से परमेश्वर के बनाए लोग पापी हो गए! और परमेश्वर से दूर हो गए! क्या है इसके पीछे की कहानी! जिसने हमे परम पिता परमेश्वर से दूर कर दिया! आइए जानते है पवित्र शास्त्र बाइबल इस विषय के बारे में क्या कहता है!
प्रश्न 1 : वह कौनसा प्राणी था जिसने मनुष्य को आज्ञा तोड़ने के लिए बहकाया ?
इसका जवाब है! परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना?
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 1
प्रश्न 2 : स्त्री ने सर्प के सवाल का क्या उत्तर दिया?
इसका जवाब है! स्त्री ने सर्प से कहा! इस बाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं! पर जो वृक्ष बाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे!
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 2 से 3
प्रश्न 3 : सर्प ने स्त्री को आज्ञा तोड़ने के लिए कैसे बहकाया?
इसका जवाब है! तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे वरन परमेश्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 4 से 5
प्रश्न 4 : सर्प के बहकाए जाने पर स्त्री ने क्या किया और दी हुई आज्ञा तोड़ने का क्या नतीजा निकला?
इसका जवाब है! सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। तब उन दोनों की आंखे खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 6 से 7
प्रश्न 5 आदम और हवा ने परमेश्वर की आने की आहत सुनते ही क्या प्रतिक्रिया दी?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय बाटिका में फिरता था उसका शब्द उन को सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्नी बाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 8
प्रश्न 6 परमेश्वर के द्वारा आदम को पुकारे जाने पर आदम और हवा ने क्या कहा वर्णन करें ?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है? उसने कहा, मैं तेरा शब्द बारी में सुन कर डर गया क्योंकि मैं नंगा था; इसलिये छिप गया। उसने कहा, किस ने तुझे चिताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैं ने तुझे बर्जा था, क्या तू ने उसका फल खाया है? आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया। तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, तू ने यह क्या किया है? स्त्री ने कहा, सर्प ने मुझे बहका दिया तब मैं ने खाया।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 9 से 13
प्रश्न 7 जिस सर्प ने स्त्री को आज्ञा तोड़ने के लिए बहकाया था परमेश्वर ने उसे क्या श्राप दिया?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा, तू ने जो यह किया है इसलिये तू सब घरेलू पशुओं, और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 14 से 15
प्रश्न 8 आज्ञा तोड़े जाने पर परमेश्वर ने स्त्री को क्या श्राप दिया?
इसका जवाब है! फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊंगा; तू पीड़ित हो कर बालक उत्पन्न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 16
प्रश्न 9 आज्ञा तोड़े जाने पर परमेश्वर ने आदम को क्या श्राप दिया ?
इसका जवाब है! और आदम से उसने कहा, तू ने जो अपनी पत्नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैं ने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना उसको तू ने खाया है, इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है: तू उसकी उपज जीवन भर दु:ख के साथ खाया करेगा: और वह तेरे लिये कांटे और ऊंटकटारे उगाएगी, और तू खेत की उपज खाएगा ;और अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा, और अन्त में मिट्टी में मिल जाएगा; क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है, तू मिट्टी तो है और मिट्टी ही में फिर मिल जाएगा।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 17 से 19
प्रश्न 10 इस घटना के बाद आदम ने अपनी पत्नी का क्या नाम रखा और इस नाम का क्या अर्थ है ?
इसका जवाब है! और आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा; क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं उन सब की आदिमाता वही हुई।
उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 20
प्रश्न 11 आज्ञा तोड़े जाने के बाद परमेश्वर ने आदम और हवा से क्या बर्ताव किया ?
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उत्पत्ति - अध्याय 3 वचन 21 से 24
याद करने के लिए वचन !
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है॥ रोमियो - अध्याय 6 वचन 23
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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!
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