Thursday 23 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 12 परमेश्वर ने अपने कार्य के लिए किसे चुना | परमेश्वर की और से अब्राम के बुलाए जाने का वर्णन ।


प्रश्न 1 परमेश्वर ने अपनी योजनाओ को पूरा करने के लिए किस मनुष्य को चुना और क्या आशीष दी ?

इसका जवाब है! यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा।

और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा। और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे। यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 1 से 4

Abraham, the Father of Faith | True Faith

प्रश्न 2 परमेश्वर के आदेश के मुताबिक अब्राम अपने परिवार के साथ किस देश में जा पहुंचा ?

इसका जवाब है! सो अब्राम अपनी पत्नी सारै, और अपने भतीजे लूत को, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किए थे, सब को ले कर कनान देश में जाने को निकल चला; और वे कनान देश में आ भी गए।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 6

Genesis 11 v 27-32 Abram obeyed and set off with his wife Sarai, his father Terah and his nephew Lot. – Slide 3

प्रश्न 3 कनान देश के विषय में अब्राम को परमेश्वर ने क्या आशीष दी ?

इसका जवाब है! तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, यह देश मैं तेरे वंश को दूंगा: और उसने वहां यहोवा के लिये जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 7

God promised Abram he would bless him and make him the father of a great nation. Those who blessed his descendants would be blessed by God and those who cursed his descendants would be cursed. – Slide 2

प्रश्न 4 क्या कारण था की अब्राम को वह देश छोड़ कर जाना पड़ा ?

इसका जवाब है! और उस देश में अकाल पड़ा: और अब्राम मिस्र देश को चला गया कि वहां परदेशी हो कर रहे -- क्योंकि देश में भयंकर अकाल पड़ा था।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 10


प्रश्न 5 जब अब्राम अपने परिवार के साथ मिस्र की और जाने लगा तो क्या कारण था की अब्राम ने अपनी पत्नी से कहा की यह तू मेरी बहन बन कर रहना ?

इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि मिस्र के निकट पहुंचकर, उसने अपनी पत्नी सारै से कहा, सुन, मुझे मालूम है, कि तू एक सुन्दर स्त्री है: इस कारण जब मिस्री तुझे देखेंगे, तब कहेंगे, यह उसकी पत्नी है, सो वे मुझ को तो मार डालेंगे, पर तुझ को जीती रख लेंगे। सो यह कहना, कि मैं उसकी बहिन हूं; जिस से तेरे कारण मेरा कल्याण हो और मेरा प्राण तेरे कारण बचे।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 11 से 13

As they entered Egypt Abram became worried. His wife Sarai was very beautiful. He feared that Pharaoh might kill him so he could take Sarai as his wife. So, he told Sarai to pretend she was not his wife but his sister. – Slide 14

प्रश्न 6 अब्राम की पत्नी के कारण मिस्रियों ने अब्राम से क्या वयवहार किया ?

इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि जब अब्राम मिस्र में आया, तब मिस्रियों ने उसकी पत्नी को देखा कि यह अति सुन्दर है। और फिरौन के हाकिमों ने उसको देखकर फिरौन के साम्हने उसकी प्रशंसा की: सो वह स्त्री फिरौन के घर में रखी गई। और उसने उसके कारण अब्राम की भलाई की; सो उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, दास-दासियां, गदहे-गदहियां, और ऊंट मिले।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 11 से 13

Abram brought back Lot, the captive people, and their possessions. The king of Salem met Abram and blessed him: 'Blessed be Abram of God Most High, Possessor of heaven and earth; And blessed be God Most High, Who has delivered your enemies into your hand.’ He gave him a tenth of all. Genesis 14:19-20 (NASB). – Slide 9

प्रश्न 7 क्या कारण था की परमेश्वर ने मिस्र के राजा पर परेशानिया डाली ? और जब राजा को सचाई की पता चला तो उसने क्या किया ?

इसका जवाब है! तब यहोवा ने फिरौन और उसके घराने पर, अब्राम की पत्नी सारै के कारण बड़ी बड़ी विपत्तियां डालीं। सो फिरौन ने अब्राम को बुलवा कर कहा, तू ने मुझ से क्या किया है? तू ने मुझे क्यों नहीं बताया कि वह तेरी पत्नी है? तू ने क्यों कहा, कि वह तेरी बहिन है? मैं ने उसे अपनी ही पत्नी बनाने के लिये लिया; परन्तु अब अपनी पत्नी को ले कर यहां से चला जा। और फिरौन ने अपने आदमियों को उसके विषय में आज्ञा दी और उन्होंने उसको और उसकी पत्नी को, सब सम्पत्ति समेत जो उसका था, विदा कर दिया॥

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 17 से 20

Pharaoh’s officials told Pharaoh how beautiful Abram’s ‘sister’ was and he took her into his palace. He gave Abram cattle, donkeys servants and gifts. – Slide 15

याद करने के लिए वचन !

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।

यूहन्ना - अध्याय 1  वचन 12



हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको परमेश्वर की और से अब्राम के बुलाए जाने को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर! का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 27 अप्रैल रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!

यदि आप भी ऑनलाइन बाइबिल क्लास की शिक्षा का हिस्सा बनना चाहते है तो कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन में हमारी वेबसाइट से आप ऑनलाइन बाइबल क्लास को ज्वाइन कर सकते है! ध्यान दे इस कार्य के कोई भी पैसे आपसे नहीं लिए जाएंगे! यह बिलकुल मुफ्त है! प्रभु के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए यह शिक्षा दी जा रही है! या आप हमे दिए गए नंबर पर व्हाट्सप्प के जरिए हमसे मदद ले सकते है!


प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!


0 comments:

Post a Comment