भूमिका |
सृष्टि की रचना कब हुई और कैसी हुई! इसे किसने रची! सही में इसे रचने वाला कोई है! अथवा अपने आप सृष्टि बन गई! अगर है तो वह कौन है! आदि बातों को लेकर मानव समाज में इसकी खोज चलरही हैं! धरती पर जितने मत और पन्थ के मानने वाले हैं! सब ने अपनी अपनी मान्यता अनुसार, ग्रंथों में लिखा है और सब अपने अनुसार ही मानव समाज में परोसा है! चाहे वह तर्क के कसौटी पर खरा ना भी उतरे उसे वह सत्य ही मानते हैं!
सृष्टि रचने वाले के बारे में भी सब की अलग अलग ही मान्यता है! किसीने सृष्टि कर्ता को माना है और किसीने मानने से भी इंकार किया है!
पहले हम सृष्टि रचना पर ही चर्चा करते हैं! की आखिर सृष्टि की रचना कैसी हुई! यह दुनिया कैसी बनी! और किस तरीके से बनाया गया है!
1. प्रश्न आरम्भ में सृष्टि कैसी थी ? उस समय परमेश्वर की रूह कहा थी ?
उतर - परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की। और पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी; और गहरे जल के ऊपर अन्धियारा था: तथा परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर मण्डलाता था।
2. प्रश्न - परमेश्वर ने पहले दिन क्या बनाया ?
उतर : उत्पत्ति : अध्याय 1 वचन 3 से 5! उजियाला!
तब परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो: तो उजियाला हो गया! और परमेश्वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है; और परमेश्वर ने उजियाले को अन्धियारे से अलग किया। और परमेश्वर ने उजियाले को दिन और अन्धियारे को रात कहा! तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पहिला दिन हो गया!
3. प्रश्न : परमेश्वर ने दूसरे दिन क्या बनाया ?
उतर : उत्पत्ति अध्याय 1 वचन 7 से 8! आकाश!
तब परमेश्वर ने एक अन्तर करके उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग किया! और वैसा ही हो गया! और परमेश्वर ने उस अन्तर को आकाश कहा! तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार दूसरा दिन हो गया!
4. प्रश्न : परमेश्वर ने तीसरे दिन क्या बनाया ?
उत्तर : उत्पत्ति अध्याय 1 वचन 11 से 13! हरी घास, तथा बीज वाले छोटे छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष!
फिर परमेश्वर ने कहा! पृथ्वी से हरी घास, तथा बीज वाले छोटे छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्ही में एक एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें; और वैसा ही हो गया!
तो पृथ्वी से हरी घास, और छोटे छोटे पेड़ जिन में अपनी अपनी जाति के अनुसार बीज होता है! और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक एक की जाति के अनुसार उन्ही में होते हैं उगे! और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है!
तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार तीसरा दिन हो गया!
5. प्रश्न : परमेश्वर ने चौथे दिन क्या बनाया ?
उत्तर : उत्पत्ति अध्याय 1 वचन 16 से 19 सूरज! चाँद! और सितारे!
तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं! उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये! और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया! और तारागण को भी बनाया!
परमेश्वर ने उन को आकाश के अन्तर में इसलिये रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें!
तथा दिन और रात पर प्रभुता करें और उजियाले को अन्धियारे से अलग करें! और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है! तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार चौथा दिन हो गया!
6. प्रश्न : परमेश्वर ने पांचवे दिन क्या बनाया ?
उत्तर : उत्पत्ति अध्याय 1 वचन 21 से 23 जल में रहने वाले जीवित प्राणियों को और आकाश में उड़ने वाले पक्षियों को!
इसलिये परमेश्वर ने जाति जाति के बड़े बड़े जल-जन्तुओं की! और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते फिरते हैं! जिन से जल बहुत ही भर गया! और एक एक जाति के उड़ने वाले पक्षियों की भी सृष्टि की! और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है! और परमेश्वर ने यह कहके उनको आशीष दी, कि फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ! और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें! तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पांचवां दिन हो गया!
7. प्रश्न : परमेश्वर ने छठे दिन क्या बनाया ?
उत्तर : उत्पत्ति अध्याय 1 वचन 25 से 31 घरेलू पशु, रेंगने वाले जन्तु, वनपशु और पुरुष और स्त्री को!
फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से एक एक जाति के जीवित प्राणी! अर्थात! घरेलू पशु! और रेंगने वाले जन्तु! और पृथ्वी के वनपशु! जाति जाति के अनुसार उत्पन्न हों! और वैसा ही हो गया! फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं!
8. प्रश्न : परमेश्वर ने मनुष्य को किस प्रकार बनाया और उसे क्या क्या अधिकार दिए ?
उत्तर : तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया! अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की! और परमेश्वर ने उन को आशीष दी! और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ! और उसको अपने वश में कर लो! और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो
9. प्रश्न : परमेश्वर ने सांतवे दिन क्या किया और इस दिन की क्या विशेष बात है ?
उत्तर : उत्पत्ति - अध्याय 2 वचन 1 से 3 सातवें दिन परमेश्वर ने विश्राम किया!
आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया! और परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया! और उसने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया! और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी! और पवित्र ठहराया! क्योंकि उस में उसने अपनी सृष्टि की रचना के सारे काम से विश्राम लिया!
याद करने के लिए वचन!
तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया! अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया!नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की! उत्पत्ति - अध्याय 1 वचन 27
हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको संसार की रचना कैसे हुई! और उसके महत्व को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर! का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 13 अप्रैल रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!
यदि आप भी ऑनलाइन बाइबिल क्लास की शिक्षा का हिस्सा बनना चाहते है तो कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन में हमारी वेबसाइट से आप ऑनलाइन बाइबल क्लास को ज्वाइन कर सकते है! ध्यान दे इस कार्य के कोई भी पैसे आपसे नहीं लिए जाएंगे! यह बिलकुल मुफ्त है! प्रभु के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए यह शिक्षा दी जा रही है! या आप हमे दिए गए नंबर पर व्हाट्सप्प के जरिए हमसे मदद ले सकते है!
प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!
0 comments:
Post a Comment