1. प्रश्न : जब तक मनुष्य इस धरती पर नहीं थे! उस समय धरती कैसी थी ! वर्णन करें |
इसका जवाब है! आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि! जब वे उत्पन्न हुए अर्थात जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया! तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था! और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था! क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था! और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था! तौभी कोहरा पृथ्वी से उठता था! जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 4 से 6
2. प्रश्न : परमेश्वर ने इंसान की रचना कैसे की! और उसका नाम क्या रखा?
इसका जवाब है! और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा! और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया! और आदम जीवता प्राणी बन गया!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 7
3. प्रश्न : परमेश्वर ने मनुष्य को जिस स्थान में रखा! उस स्थान का क्या नाम था! और वह किस दिशा में थी ?
इसका जवाब है! और यहोवा परमेश्वर ने पूर्व की ओर अदन देश में एक वाटिका लगाई! और वहां आदम को जिसे उसने रचा था रख दिया!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 8
4. प्रश्न : परमेश्वर के द्वारा लगाई गयी! वाटिका की क्या खासियत है! और उस वाटिका में लगाए गए दो खास वृक्ष के नाम क्या है?
इसका जवाब है! यहोवा परमेश्वर ने भूमि से सब भांति के वृक्ष! जो देखने में मनोहर! और जिनके फल खाने में अच्छे हैं! उगाए! और वाटिका के बीच में जीवन के वृक्ष! को और भले या बुरे के ज्ञान के वृक्ष को भी लगाया!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 9
5 प्रश्न : परमेश्वर द्वारा लगाई गयी वाटिका को सींचने के लिए परमेश्वर ने क्या व्यवस्था की! और वह नदिया जो वाटिका को सींचने का काम करती थी! उनकी क्या विशेषता है ?
इसका जवाब है! उस वाटिका को सींचने के लिये एक महानदी अदन से निकली! और वहां से आगे बहकर चार धारा में हो गई!
पहिली धारा का नाम पीशोन है! यह वही है जो हवीला नाम के सारे देश को जहां सोना मिलता है घेरे हुए है! उस देश का सोना चोखा होता है, वहां मोती और सुलैमानी पत्थर भी मिलते हैं!
और दूसरी नदी का नाम गीहोन है! यह वही है जो कूश के सारे देश को घेरे हुए है!
और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है! यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है!
और चौथी नदी का नाम फरात है!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 10 से 14
6. प्रश्न : परमेश्वर ने आदम को जिसकी रचना की थी! कहां रखा और क्या आज्ञा दी ?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को ले कर अदन की वाटिका में रख दिया! कि वह उस में काम करे और उसकी रक्षा करे!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 15
7. प्रश्न : परमेश्वर ने आदम को ऐसा क्या कहा था! जिसे आदम को नहीं करना था ?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, कि तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है! पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है! उसका फल तू कभी न खाना! क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 16 से 17
8. प्रश्न : सभी जीवित प्राणियों के नाम किसने रखे ?
इसका जवाब है! यहोवा परमेश्वर भूमि में से सब जाति के बनैले पशुओं! और आकाश के सब भाँति के पक्षियों को रचकर आदम के पास ले आया कि देखें! कि वह उनका क्या क्या नाम रखता है! और जिस जिस जीवित प्राणी का जो जो नाम आदम ने रखा! वही उसका नाम हो गया!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 19
9. प्रश्न : परमेश्वर ने स्त्री! यानि नारी की रचना कैसे की ?
इसका जवाब है! तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नीन्द में डाल दिया! और जब वह सो गया तब उसने उसकी एक पसली निकाल कर उसकी सन्ती मांस भर दिया!
और यहोवा परमेश्वर ने उस पसली को जो उसने आदम में से निकाली थी! स्त्री बना दिया! और उसको आदम के पास ले आया!
और आदम ने कहा अब यह मेरी हड्डियों में की हड्डी! और मेरे मांस में का मांस है! सो इसका नाम नारी होगा! क्योंकि यह नर में से निकाली गई है!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 21 से 23
10. प्रश्न : आदम और हवा की रचना के बाद सृष्टि में क्या बदलाव आया ?
इसका जवाब है! इस कारण पुरूष अपने माता पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा! और वे एक तन बने रहेंगे!
और आदम और उसकी पत्नी दोनो नंगे थे! पर लजाते न थे!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 24 से 25
याद करने के लिए वचन!
तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, कि तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है! पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है! उसका फल तू कभी न खाना! क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा!
उत्पत्ति अध्याय 2! वचन 16 से 17
हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको मनुष्य इस संसार में कैसे आए और उनकी उत्पति और उसके महत्व को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर! का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 15 अप्रैल रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!
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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!
जय मसीह की मेरा नाम संदीप है और मैं और सवाल जवाब को जानना चाहता हूं कृपया करके मेरी मदद कीजिए
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