प्रश्न 1 परमेश्वर के पुत्रो का मनुष्य की पुत्रियों से विवाह करने क्या कारण था ?
इसका जवाब है! तब परमेश्वर के पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों को देखा, कि वे सुन्दर हैं; सो उन्होंने जिस जिस को चाहा उन से ब्याह कर लिया।
उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 2
प्रश्न 2 क्या कारण था की परमेश्वर ने मनुष्य की आयु को सिमित कर दिया ?
इसका जवाब है! और यहोवा ने कहा, मेरा आत्मा मनुष्य से सदा लों विवाद करता न रहेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है: उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।
उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 3
प्रश्न 3 उन दिनों धरती पर कौन रहा करते थे । पवित्रशास्त्र के मुताबिक शूरवीरो का जन्म कैसे हुआ ?
इसका जवाब है! उन दिनों में पृथ्वी पर दानव रहते थे; और इसके पश्चात जब परमेश्वर के पुत्र मनुष्य की पुत्रियों के पास गए तब उनके द्वारा जो सन्तान उत्पन्न हुए, वे पुत्र शूरवीर होते थे, जिनकी कीर्ति प्राचीन काल से प्रचलित है।
उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 4
प्रश्न 4 वह क्या कारण था की परमेश्वर ने धरती के विनाश की योजना बनाई ?
इसका जवाब है! और यहोवा ने देखा, कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है। और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ। तब यहोवा ने सोचा, कि मैं मनुष्य को जिसकी मैं ने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा; क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगने वाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, सब को मिटा दूंगा क्योंकि मैं उनके बनाने से पछताता हूं।
उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 4 से 7
प्रश्न 5 ऐसा कौन सा व्यक्ति था जिस पर परमेश्वर की अनुग्रह की दृष्टि थी ? उसमे ऐसी क्या खासियत थी ?
इसका जवाब है! परन्तु यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर बनी रही॥ नूह की वंशावली यह है। नूह धर्मी पुरूष और अपने समय के लोगों में खरा था, और नूह परमेश्वर ही के साथ साथ चलता रहा।
उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 8 से 9
प्रश्न 6 नूह के पुत्रो के क्या नाम है ?
इसका जवाब है! और नूह से, शेम, और हाम, और येपेत नाम, तीन पुत्र उत्पन्न हुए।
उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 10
प्रश्न 7 नूह के समय में धरती के क्या हालात थे ? इस विषय पर परमेश्वर ने नूह से क्या बातचीत की ?
इसका जवाब है! उस समय पृथ्वी परमेश्वर की दृष्टि में बिगड़ गई थी, और उपद्रव से भर गई थी। और परमेश्वर ने पृथ्वी पर जो दृष्टि की तो क्या देखा, कि वह बिगड़ी हुई है; क्योंकि सब प्राणियों ने पृथ्वी पर अपनी अपनी चाल चलन बिगाड़ ली थी। तब परमेश्वर ने नूह से कहा, सब प्राणियों के अन्त करने का प्रश्न मेरे साम्हने आ गया है; क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है, इसलिये मैं उन को पृथ्वी समेत नाश कर डालूंगा।
उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 11 से 13
प्रश्न 8 परमेश्वर ने नूह और उसके परिवार को इस विनाश से बचने के लिए क्या कार्य करने को कहा ?
इसका जवाब है! इसलिये तू गोपेर वृक्ष की लकड़ी का एक जहाज बना ले, उस में कोठरियां बनाना, और भीतर बाहर उस पर राल लगाना। और इस ढंग से उसको बनाना: जहाज की लम्बाई तीन सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ, और ऊंचाई तीस हाथ की हो। जहाज में एक खिड़की बनाना, और इसके एक हाथ ऊपर से उसकी छत बनाना, और जहाज की एक अलंग में एक द्वार रखना, और जहाज में पहिला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना। और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जलप्रलय करके सब प्राणियों को, जिन में जीवन की आत्मा है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूं: और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएंगे। परन्तु तेरे संग मैं वाचा बान्धता हूं: इसलिये तू अपने पुत्रों, स्त्री, और बहुओं समेत जहाज में प्रवेश करना। एक एक जाति के पक्षी, और एक एक जाति के पशु, और एक एक जाति के भूमि पर रेंगने वाले, सब में से दो दो तेरे पास आएंगे, कि तू उन को जीवित रखे। और भांति भांति का भोज्य पदार्थ जो खाया जाता है, उन को तू ले कर अपने पास इकट्ठा कर रखना सो तेरे और उनके भोजन के लिये होगा। परमेश्वर की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।
उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 14 से 22
प्रश्न 9 परमेश्वर ने कितने दिनों तक धरती पर वर्षा करने की योजना बनाई ?
इसका जवाब है! क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा; जितनी वस्तुएं मैं ने बनाईं हैं सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूंगा।
उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 4
प्रश्न 10 नूह उस समय कितने वर्ष का था जिस समय जलप्रलय धरती पर आया ?
इसका जवाब है! नूह की अवस्था छ: सौ वर्ष की थी, जब जलप्रलय पृथ्वी पर आया।
उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 6
प्रश्न 11 जलप्रलय से धरती पर क्या प्रभाव पड़ा वर्णन करें ?
इसका जवाब है! और पृथ्वी पर चालीस दिन तक प्रलय होता रहा; और पानी बहुत बढ़ता ही गया जिस से जहाज ऊपर को उठने लगा, और वह पृथ्वी पर से ऊंचा उठ गया। और जल बढ़ते बढ़ते पृथ्वी पर बहुत ही बढ़ गया, और जहाज जल के ऊपर ऊपर तैरता रहा। और जल पृथ्वी पर अत्यन्त बढ़ गया, यहां तक कि सारी धरती पर जितने बड़े बड़े पहाड़ थे, सब डूब गए। जल तो पन्द्रह हाथ ऊपर बढ़ गया, और पहाड़ भी डूब गए और क्या पक्षी, क्या घरेलू पशु, क्या बनैले पशु, और पृथ्वी पर सब चलने वाले प्राणी, और जितने जन्तु पृथ्वी मे बहुतायत से भर गए थे, वे सब, और सब मनुष्य मर गए। जो जो स्थल पर थे उन में से जितनों के नथनों में जीवन का श्वास था, सब मर मिटे। और क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगने वाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, जो जो भूमि पर थे, सो सब पृथ्वी पर से मिट गए; केवल नूह, और जितने उसके संग जहाज में थे, वे ही बच गए। और जल पृथ्वी पर एक सौ पचास दिन तक प्रबल रहा॥
उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 17 से 24
प्रश्न 12 यह जांचने के लिए की जल धरती पर से काम हुआ या नहीं नूह ने क्या योजना बनाई ?
इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि चालीस दिन के पश्चात नूह ने अपने बनाए हुए जहाज की खिड़की को खोल कर, एक कौआ उड़ा दिया: वह जब तक जल पृथ्वी पर से सूख न गया, तब तक कौआ इधर उधर फिरता रहा। फिर उसने अपने पास से एक कबूतरी को उड़ा दिया, कि देखें कि जल भूमि से घट गया कि नहीं। उस कबूतरी को अपने पैर के तले टेकने के लिये कोई आधार ने मिला, सो वह उसके पास जहाज में लौट आई: क्योंकि सारी पृथ्वी के ऊपर जल ही जल छाया था तब उसने हाथ बढ़ा कर उसे अपने पास जहाज में ले लिया। तब और सात दिन तक ठहर कर, उसने उसी कबूतरी को जहाज में से फिर उड़ा दिया। और कबूतरी सांझ के समय उसके पास आ गई, तो क्या देखा कि उसकी चोंच में जलपाई का एक नया पत्ता है; इस से नूह ने जान लिया, कि जल पृथ्वी पर घट गया है। फिर उसने सात दिन और ठहरकर उसी कबूतरी को उड़ा दिया; और वह उसके पास फिर कभी लौट कर न आई।
उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 6 से 12
प्रश्न 13 धरती से जल को सूखने में कितना समय लगा ?
इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि छ: सौ एक वर्ष के पहिले महीने के पहिले दिन जल पृथ्वी पर से सूख गया। तब नूह ने जहाज की छत खोल कर क्या देखा कि धरती सूख गई है। और दूसरे महीने के सताईसवें दिन को पृथ्वी पूरी रीति से सूख गई॥
उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 13 से 14
प्रश्न 15 जल के सूखने के बाद नूह ने क्या किया ?
इसका जवाब है! तब नूह, और उसके पुत्र, और पत्नी, और बहुएं, निकल आईं: और सब चौपाए, रेंगने वाले जन्तु, और पक्षी, और जितने जीवजन्तु पृथ्वी पर चलते फिरते हैं, सो सब जाति जाति करके जहाज में से निकल आए। तब नूह ने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई; और सब शुद्ध पशुओं, और सब शुद्ध पक्षियों में से, कुछ कुछ ले कर वेदी पर होमबलि चढ़ाया।
उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 18 से 20
प्रश्न 16 परमेश्वर ने धरती के विनाश को लेकर नूह से क्या वादा किया । इस प्रलय का धरती के पर्यावरण पर क्या असर पड़ा ?
इसका जवाब है! इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, कि मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को शाप न दूंगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है; तौभी जैसा मैं ने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उन को फिर कभी न मारूंगा। अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठण्ड और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएंगे॥
उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 21 से 22
प्रश्न 17 परमेश्वर ने इस वचन को जो नूह से किया था क्या चिन्ह रखा ?
इसका जवाब है! और मैं तुम्हारे साथ अपनी इस वाचा को पूरा करूंगा; कि सब प्राणी फिर जलप्रलय से नाश न होंगे: और पृथ्वी के नाश करने के लिये फिर जलप्रलय न होगा। फिर परमेश्वर ने कहा, जो वाचा मैं तुम्हारे साथ, और जितने जीवित प्राणी तुम्हारे संग हैं उन सब के साथ भी युग युग की पीढिय़ों के लिये बान्धता हूं; उसका यह चिन्ह है: कि मैं ने बादल में अपना धनुष रखा है वह मेरे और पृथ्वी के बीच में वाचा का चिन्ह होगा। और जब मैं पृथ्वी पर बादल फैलाऊं तब बादल में धनुष देख पड़ेगा।
उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 11 से 14
याद करने के लिए वचन!
इसलिये तुम मेरी विधियों को मानना, और मेरे नियमों पर समझ बूझकर चलना; क्योंकि ऐसा करने से तुम उस देश में निडर बसे रहोगे।
लैव्यवस्था - अध्याय 25 : 18
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