भूमिका
अपने चारो और देखिये आपको सब कुछ सामान्य दिखेगा लेकिन एक बात है जो मनुष्य को दूसरे मनुष्य से भिन्न करती है अर्थात उनकी बोली कोई पंजाबी, कोई मराठी, कोई बिहारी, कोई बंगाली, आदि बहुत सी भाषाओ में लोग एक दूसरे से बात करते है लेकिन क्या कभी अपने सोचा की ऐसा क्यों जब सभी सामान्य है तो मनुष्य की बोली में अंतर् क्यों आइए जानते है इसकी सचाई और पवित्र शास्त्र बाइबल इस विषय के बारे में क्या कहती है ।
प्रश्न 1 प्राचीन समय में धरती पर कितनी भाषाए थी ?
इसका जवाब है! सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।
उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 1
प्रश्न 2 मनुष्यो ने एक साथ रहने के विषय में क्या योजना बनाई ?
इसका जवाब है! तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।
उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 3 से 4
प्रश्न 3 परमेश्वर ने जब देखा की लोग एक किला रहने के लिए बना रहे है तो उनके साथ क्या बर्ताव किया ?
इसका जवाब है! जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब इन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया। और यहोवा ने कहा, मैं क्या देखता हूं, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जितना वे करने का यत्न करेंगे, उस में से कुछ उनके लिये अनहोना न होगा। इसलिये आओ, हम उतर के उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें। इस प्रकार यहोवा ने उन को, वहां से सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया; और उन्होंने उस नगर का बनाना छोड़ दिया। इस कारण उस नगर को नाम बाबुल पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, सो यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया॥
उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 5 से 9
प्रश्न 4 क्या कारण था की परमेश्वर ने मनुष्य के बनाए गुम्मट को अर्थात किले को क्रोधित हो कर नाश कर दिया ?
इसका जवाब है! परमेश्वर ने मनुष्यो की सृष्टि इसलिए की थी क्युकी परमेश्वर चाहता था की मनुष्य धरती पर फैल जाए और धरती मनुष्यो से भर जाए लेकिन बाबेल का गुम्मट बनाने वाले मनुष्यो ने आपस में सहमति कर के कहा की हम एक किला बनाएँगे और सब साथ रहेंगे जैसा की लिखा है तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।
उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 3 से 4
जिसका अर्थ यह की वह परमेश्वर के दी हुई आज्ञा का विरोध कर रहे थे जैसा की परमेश्वर ने आदम से कहा था । और परमेश्वर ने उन को आशीष दी! और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ! उत्पत्ति - अध्याय 1 वचन 28
लेकिन बाबेल का किला बनाने वाले मनुष्य इस आज्ञा का विरोध कर रहे थे और धरती पर फैलना नहीं चाहते थे बल्कि एक साथ रहना चाहते थे यही कारण था की परमेश्वर ने मनुष्यो को भाषा में गड़बड़ी डाल दी जिस वजह से वह एक दूसरे की भाषा को समझ नहीं पाए और अलग अलग हो गए ।
याद करने के लिए वचन
यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
यूहन्ना - अध्याय 14 वचन 6
हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको मनुष्य की भाषा में गड़बड़ी कैसे आई को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर! का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 25 अप्रैल रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!
यदि आप भी ऑनलाइन बाइबिल क्लास की शिक्षा का हिस्सा बनना चाहते है तो कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन में हमारी वेबसाइट से आप ऑनलाइन बाइबल क्लास को ज्वाइन कर सकते है! ध्यान दे इस कार्य के कोई भी पैसे आपसे नहीं लिए जाएंगे! यह बिलकुल मुफ्त है! प्रभु के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए यह शिक्षा दी जा रही है! या आप हमे दिए गए नंबर पर व्हाट्सप्प के जरिए हमसे मदद ले सकते है!
प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!
अपने चारो और देखिये आपको सब कुछ सामान्य दिखेगा लेकिन एक बात है जो मनुष्य को दूसरे मनुष्य से भिन्न करती है अर्थात उनकी बोली कोई पंजाबी, कोई मराठी, कोई बिहारी, कोई बंगाली, आदि बहुत सी भाषाओ में लोग एक दूसरे से बात करते है लेकिन क्या कभी अपने सोचा की ऐसा क्यों जब सभी सामान्य है तो मनुष्य की बोली में अंतर् क्यों आइए जानते है इसकी सचाई और पवित्र शास्त्र बाइबल इस विषय के बारे में क्या कहती है ।
प्रश्न 1 प्राचीन समय में धरती पर कितनी भाषाए थी ?
इसका जवाब है! सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।
उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 1
प्रश्न 2 मनुष्यो ने एक साथ रहने के विषय में क्या योजना बनाई ?
इसका जवाब है! तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।
उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 3 से 4
प्रश्न 3 परमेश्वर ने जब देखा की लोग एक किला रहने के लिए बना रहे है तो उनके साथ क्या बर्ताव किया ?
इसका जवाब है! जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब इन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया। और यहोवा ने कहा, मैं क्या देखता हूं, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जितना वे करने का यत्न करेंगे, उस में से कुछ उनके लिये अनहोना न होगा। इसलिये आओ, हम उतर के उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें। इस प्रकार यहोवा ने उन को, वहां से सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया; और उन्होंने उस नगर का बनाना छोड़ दिया। इस कारण उस नगर को नाम बाबुल पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, सो यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया॥
उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 5 से 9
प्रश्न 4 क्या कारण था की परमेश्वर ने मनुष्य के बनाए गुम्मट को अर्थात किले को क्रोधित हो कर नाश कर दिया ?
इसका जवाब है! परमेश्वर ने मनुष्यो की सृष्टि इसलिए की थी क्युकी परमेश्वर चाहता था की मनुष्य धरती पर फैल जाए और धरती मनुष्यो से भर जाए लेकिन बाबेल का गुम्मट बनाने वाले मनुष्यो ने आपस में सहमति कर के कहा की हम एक किला बनाएँगे और सब साथ रहेंगे जैसा की लिखा है तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।
उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 3 से 4
जिसका अर्थ यह की वह परमेश्वर के दी हुई आज्ञा का विरोध कर रहे थे जैसा की परमेश्वर ने आदम से कहा था । और परमेश्वर ने उन को आशीष दी! और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ! उत्पत्ति - अध्याय 1 वचन 28
लेकिन बाबेल का किला बनाने वाले मनुष्य इस आज्ञा का विरोध कर रहे थे और धरती पर फैलना नहीं चाहते थे बल्कि एक साथ रहना चाहते थे यही कारण था की परमेश्वर ने मनुष्यो को भाषा में गड़बड़ी डाल दी जिस वजह से वह एक दूसरे की भाषा को समझ नहीं पाए और अलग अलग हो गए ।
याद करने के लिए वचन
यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
यूहन्ना - अध्याय 14 वचन 6
हम आशा करते है! आज का यह विषय आपको मनुष्य की भाषा में गड़बड़ी कैसे आई को समझने में आपकी मदद करेगी! यदी कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते है! और जो स्टूडेंट्स ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रहे है! कृपया वीडियो की डिस्क्रिप्शन को चेक करें! इस अध्याय से सम्बंधित! प्रश्न और उत्तर! का लिंक दिया गया है! वहां से आप अपने नोट्स को रेडी कर ले और 25 अप्रैल रात दस बजे तक हमे अपने नोट्स को समिट करें!
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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!
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