भूमिका
बाइबल के अनुसार, पाप परमेश्वर के मार्गों में चलने की अपेक्षा अपने स्वयं के मार्गों पर चलने का एक व्यवहार है। परमेश्वर पाप को सहन नहीं कर सकता है। परमेश्वर पाप से घृणा करता है। तौभी हमारे लिए, पाप हमें अच्छा लगता है, और हम इसे करते हैं। आदम और हव्वा की तरह, हम सोचते हैं कि हम बुराई को जान सकते हैं और तौभी हम इसके द्वारा विजयी नहीं हो सकते हैं। हम परमेश्वर के सदृश नहीं बन सकते हैं। परमेश्वर बुराई के अस्तित्व को जानता है, तौभी परमेश्वर बुरा नहीं है न ही वह बुरा करता है। हम, दूसरी ओर, इससे आकर्षित होते हैं, और हम इसे करने के लिए स्वयं को दे देते हैं। जब कभी आप पाप करते हैं, परमेश्वर का आप के भीतर वास करने वाला आत्मा दुखित होता है। कई बार वह आपको दोषी होने का अहसास कराएगा। पाप करते हुए, आप उसी क्षण अपने लिए प्रभु की इच्छा की अपेक्षा स्वयं पर निर्भर जीवन को जीवन का चुनाव करते हैं। यह परमेश्वर को आपसे घृणा करने का कारण नहीं बनाता है। वह आप से तब भी प्रेम करता है। परन्तु यह उसे शोकित करता है:"परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है।" (इफिसियों 4 वचन 30)। यह समझने के लिए कि पाप कैसे आपको प्रभावित करता है, आइए परमेश्वर के साथ आपके सम्बन्ध और परमेश्वर के साथ आपकी संगति के मध्य की भिन्नता को देखें।
प्रश्न 1 आदम और हवा के बच्चो के नाम क्या है ? और वह क्या काम करते थे ?
इसका जवाब है! आदम अपनी पत्नी हव्वा के पास गया तब उसने गर्भवती हो कर कैन को जन्म दिया और कहा, मैं ने यहोवा की सहायता से एक पुरूष पाया है। फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, और हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करने वाला किसान बना।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 1 से 2
प्रश्न 2 कैन और हाबिल ने परमेश्वर को क्या भेंट किया ? और परमेश्वर किसी भेंट को स्वीकार किया ?
इसका जवाब है! कुछ दिनों के पश्चात कैन यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेंट ले आया। और हाबिल भी अपनी भेड़-बकरियों के कई एक पहिलौठे बच्चे भेंट चढ़ाने ले आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई; तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया,परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुंह पर उदासी छा गई।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 3 से 5
प्रश्न 3 परमेश्वर ने कैन की भेंट स्वीकार ना करने का क्या कारण बताया ?
इसका जवाब है! तब यहोवा ने कैन से कहा, तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुंह पर उदासी क्यों छा गई है? यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? और यदि तू भला न करे, तो पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी और होगी, और तू उस पर प्रभुता करेगा।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 6 से 7
प्रश्न 4 कैन ने क्रोध में आकर हाबिल के साथ क्या बर्ताव किया ?
इसका जवाब है! तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा: और जब वे मैदान में थे, तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़ कर उसे घात किया।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 8
प्रश्न 5 जब परमेश्वर ने कैन से उसके छोटे भाई हाबिल के बारे में पूछा तब कैन ने परमेश्वर को क्या उत्तर दिया ?
इसका जवाब है! तब यहोवा ने कैन से पूछा, तेरा भाई हाबिल कहां है? उसने कहा मालूम नहीं: क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूं?
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 9
प्रश्न 6 कैन ने जो अपराध किया था परमेश्वर ने इस अपराध की कैन को क्या सजा दी ?
इसका जवाब है! उसने कहा, तू ने क्या किया है? तेरे भाई का लोहू भूमि में से मेरी ओर चिल्ला कर मेरी दोहाई दे रहा है! इसलिये अब भूमि जिसने तेरे भाई का लोहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुंह खोला है, उसकी ओर से तू शापित है। चाहे तू भूमि पर खेती करे, तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा होगा।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 10 से 12
प्रश्न 7 कैन को परमेश्वर ने जो सजा दी उसे ले कर कैन ने परमेश्वर से क्या निवेदन किया ?
इसका जवाब है! तब कैन ने यहोवा से कहा, मेरा दण्ड सहने से बाहर है। देख, तू ने आज के दिन मुझे भूमि पर से निकाला है और मैं तेरी दृष्टि की आड़ मे रहूंगा और पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा रहूंगा; और जो कोई मुझे पाएगा, मुझे घात करेगा। इस कारण यहोवा ने उससे कहा, जो कोई कैन को घात करेगा उससे सात गुणा पलटा लिया जाएगा। और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा ने हो कि कोई उसे पाकर मार डाले॥
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 13 से 15
याद करने के लिए वचन!
इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा॥
मत्ती - अध्याय 6 वचन 15 से 16
बाइबल के अनुसार, पाप परमेश्वर के मार्गों में चलने की अपेक्षा अपने स्वयं के मार्गों पर चलने का एक व्यवहार है। परमेश्वर पाप को सहन नहीं कर सकता है। परमेश्वर पाप से घृणा करता है। तौभी हमारे लिए, पाप हमें अच्छा लगता है, और हम इसे करते हैं। आदम और हव्वा की तरह, हम सोचते हैं कि हम बुराई को जान सकते हैं और तौभी हम इसके द्वारा विजयी नहीं हो सकते हैं। हम परमेश्वर के सदृश नहीं बन सकते हैं। परमेश्वर बुराई के अस्तित्व को जानता है, तौभी परमेश्वर बुरा नहीं है न ही वह बुरा करता है। हम, दूसरी ओर, इससे आकर्षित होते हैं, और हम इसे करने के लिए स्वयं को दे देते हैं। जब कभी आप पाप करते हैं, परमेश्वर का आप के भीतर वास करने वाला आत्मा दुखित होता है। कई बार वह आपको दोषी होने का अहसास कराएगा। पाप करते हुए, आप उसी क्षण अपने लिए प्रभु की इच्छा की अपेक्षा स्वयं पर निर्भर जीवन को जीवन का चुनाव करते हैं। यह परमेश्वर को आपसे घृणा करने का कारण नहीं बनाता है। वह आप से तब भी प्रेम करता है। परन्तु यह उसे शोकित करता है:"परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है।" (इफिसियों 4 वचन 30)। यह समझने के लिए कि पाप कैसे आपको प्रभावित करता है, आइए परमेश्वर के साथ आपके सम्बन्ध और परमेश्वर के साथ आपकी संगति के मध्य की भिन्नता को देखें।
प्रश्न 1 आदम और हवा के बच्चो के नाम क्या है ? और वह क्या काम करते थे ?
इसका जवाब है! आदम अपनी पत्नी हव्वा के पास गया तब उसने गर्भवती हो कर कैन को जन्म दिया और कहा, मैं ने यहोवा की सहायता से एक पुरूष पाया है। फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, और हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करने वाला किसान बना।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 1 से 2
प्रश्न 2 कैन और हाबिल ने परमेश्वर को क्या भेंट किया ? और परमेश्वर किसी भेंट को स्वीकार किया ?
इसका जवाब है! कुछ दिनों के पश्चात कैन यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेंट ले आया। और हाबिल भी अपनी भेड़-बकरियों के कई एक पहिलौठे बच्चे भेंट चढ़ाने ले आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई; तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया,परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुंह पर उदासी छा गई।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 3 से 5
प्रश्न 3 परमेश्वर ने कैन की भेंट स्वीकार ना करने का क्या कारण बताया ?
इसका जवाब है! तब यहोवा ने कैन से कहा, तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुंह पर उदासी क्यों छा गई है? यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? और यदि तू भला न करे, तो पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी और होगी, और तू उस पर प्रभुता करेगा।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 6 से 7
प्रश्न 4 कैन ने क्रोध में आकर हाबिल के साथ क्या बर्ताव किया ?
इसका जवाब है! तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा: और जब वे मैदान में थे, तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़ कर उसे घात किया।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 8
प्रश्न 5 जब परमेश्वर ने कैन से उसके छोटे भाई हाबिल के बारे में पूछा तब कैन ने परमेश्वर को क्या उत्तर दिया ?
इसका जवाब है! तब यहोवा ने कैन से पूछा, तेरा भाई हाबिल कहां है? उसने कहा मालूम नहीं: क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूं?
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 9
प्रश्न 6 कैन ने जो अपराध किया था परमेश्वर ने इस अपराध की कैन को क्या सजा दी ?
इसका जवाब है! उसने कहा, तू ने क्या किया है? तेरे भाई का लोहू भूमि में से मेरी ओर चिल्ला कर मेरी दोहाई दे रहा है! इसलिये अब भूमि जिसने तेरे भाई का लोहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुंह खोला है, उसकी ओर से तू शापित है। चाहे तू भूमि पर खेती करे, तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा होगा।
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 10 से 12
प्रश्न 7 कैन को परमेश्वर ने जो सजा दी उसे ले कर कैन ने परमेश्वर से क्या निवेदन किया ?
इसका जवाब है! तब कैन ने यहोवा से कहा, मेरा दण्ड सहने से बाहर है। देख, तू ने आज के दिन मुझे भूमि पर से निकाला है और मैं तेरी दृष्टि की आड़ मे रहूंगा और पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा रहूंगा; और जो कोई मुझे पाएगा, मुझे घात करेगा। इस कारण यहोवा ने उससे कहा, जो कोई कैन को घात करेगा उससे सात गुणा पलटा लिया जाएगा। और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा ने हो कि कोई उसे पाकर मार डाले॥
उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 13 से 15
याद करने के लिए वचन!
इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा॥
मत्ती - अध्याय 6 वचन 15 से 16
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