Sunday 5 April 2020

बाइबल क्या है | और इसका महत्व |

बाइबल क्या है | और इसका महत्व |














1.प्रश्न: बाइबल क्या है ?
उत्तरशब्द "बाइबल" लतीनी और यूनानी शब्दों से निकल कर आया है जिसका अर्थ "पुस्तक" से है जो एक सही नाम है क्योंकि बाइबल सभी लोगों के लिए, सभी समयों के लिए एक पुस्तक है।

2. प्रश्न  बाइबल के निर्माण की व्याख्या करें ?
छियासठ पुस्तकें मिलकर बाइबल को निर्मित करती हैं।
व्यवस्था की पुस्तकें - जैसे कि लैव्यव्यवस्था, और व्यवस्थाविवरण |
ऐतिहासिक पुस्तकें, जैसे कि एज्रा और प्रेरितों के काम |
काव्य साहित्य सम्बन्धी पुस्तकें, जैसे कि भजन संहिता और सभोपदेशक;
भविष्यद्वाणियों की पुस्तकें, जैसे कि यशायाह और प्रकाशितवाक्य;
जीवनी सम्बन्धी पुस्तकें, जैसे कि मत्ती, और यूहन्ना; पत्रियाँ (औपचारिक पत्र) जैसे के तीतुस और इब्रानियों इत्यादि सम्मिलित हैं।

प्रश्न 3. बाइबल के लेखक कौन थे ?
बाइबल को लिखने में 40 विभिन्न लेखकों ने योगदान दिया है, जो लगभग 1500 वर्षों के समय के अवधि में लिखी गई थी। इसके लेखक राजा, मछुआरे, पुरोहित, सरकारी अधिकारी, किसान, चरवाहे और डॉक्टर इत्यादि थे। 
अन्तत इसका लेखक एक ही है - अर्थात् स्वयं परमेश्वर। बाइबल "परमेश्वर प्रेरित" है (2 तीमुथियुस 3:16) मानवीय लेखकों ने सटीकता के साथ केवल वही लिखा जिसे परमेश्वर उनसे चाहता था कि वे लिखें और इसका परिणाम यह हुआ कि यह परमेश्वर का सिद्ध और पवित्र वचन है (भजन संहिता 12:6; 2 पतरस 1:21)

प्रश्न 4 बाइबल को कितने भागो में विभाजित किया गया है ?
इसके विभाजन
बाइबल मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित है: पुराना नियम और नया नियम। संक्षेप में, पुराना नियम एक जाति की कहानी है और नया नियम एक व्यक्ति की कहानी है। उस जाति का चुनाव एक व्यक्ति - यीशु को इस संसार में लाने के लिए एक तरीके के रूप में चुना गया था।

प्रश्न 5 पुराना नियम और नए नियम में क्या अंतर है ?
पुराना नियम इस्राएल की जाति की स्थापना और इसे संरक्षित रखने का विवरण देता है। परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी वह इस संसार को आशीषित करने के लिए इस्राएल को उपयोग करेगा (उत्पत्ति 12:2-3) एक बार जब इस्राएल एक जाति के रूप में स्थापित हो गया, तब परमेश्वर ने उस जाति के भीतर ही आशीषों को आने के लिए एक परिवार : अर्थात् दाऊद के परिवार को चुन लिया (भजन संहिता 89:3-4) इसके पश्चात्, दाऊद के परिवार को एक व्यक्ति को दिए जाने की प्रतिज्ञा दी गई जो प्रतिज्ञा की हुई आशीषों को लेकर आएगा (यशायाह 11:1-10)

नया नियम इस प्रतिज्ञा किए हुए व्यक्ति के आगमन के बारे में वर्णन सहित व्याख्या करता है। उसका नाम यीशु था, और वह पुराने नियम की भविष्यद्वाणियों को पूरी करता है जब वह एक सिद्ध जीवन को यापन करता, उद्धारकर्ता बनने के लिए मर जाता, और मृतकों में से जी उठता है।

कृपया दिया गया वचन याद करें और इसकी रिकॉर्डिंग दो से तीन दिन के अंदर भेजे
याद करने के लिए वचन ! - (2 तीमुथियुस 3:16 -17 )। - हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए॥



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