Thursday, 30 April 2020

येशु मसीह के पांच बड़े चमत्कार |

यीशु एक अंधे की आँख छूकर उसे चंगा करता है


दोस्तों प्रभु येशु मसीह ने अपने जीवन काल में ऐसे अद्भुत चमत्कार किए जिसे जान कर आप सभी हैरान रह जाएंगे ।

नंबर - १ लकवे के रोगी को चंगा करना ।

एक बार जब यीशु एक घर में रुका था तो कुछ लोग उसके पास एक ऐसे आदमी को लाना चाहते थे जो बिस्तर से नहीं उठ सकता था। मगर घर में इतनी भीड़ थी कि वे अंदर नहीं जा पाए। इसलिए उन्होंने छत में एक छेद कर दी और उस आदमी को नीचे यीशु के पास उतार दिया। यीशु ने उस आदमी से कहा, ‘उठ और चल।’ जब वह उठकर चलने लगा तो लोग हैरान रह गए।

नंबर - २ दस बीमार कोडियो को चंगा करना

एक और बार जब यीशु एक गाँव के अंदर जा रहा था तो दूर में 10 आदमी खड़े थे जिन्हें कोढ़ की बीमारी थी। उन्होंने चिल्लाकर कहा, ‘यीशु, हमारी मदद कर!’ उन दिनों, कोढ़ियों को दूसरे लोगों के पास नहीं जाने दिया जाता था। यीशु ने उन आदमियों से कहा कि वे मंदिर जाएँ, क्योंकि यहोवा के कानून में लिखा था कि जब कोई कोढ़ी ठीक हो जाता है तो उसे मंदिर जाना चाहिए। जब वे वहाँ जा रहे थे तो  रास्ते में ठीक हो गए। उनमें से एक कोढ़ी ने जब देखा कि वह ठीक हो गया है तो वह वापस यीशु के पास आया। उसने यीशु को शुक्रिया कहा और परमेश्‍वर की महिमा की। उन 10 आदमियों में से सिर्फ एक ने यीशु को शुक्रिया कहा।

नंबर ३ बारह वर्ष से लहू बहने वाली औरत को चंगा करना ।

एक औरत 12 साल से बीमार थी और वह किसी तरह ठीक होना चाहती थी। वह एक भीड़ में यीशु के पीछे से आयी और उसके कपड़े का छोर छुआ। उसे छूते ही वह ठीक हो गयी। तब यीशु ने पूछा, “किसने मुझे छुआ?” वह औरत डर गयी, फिर भी उसने सामने आकर सच बता दिया। यीशु ने यह कहकर उसका डर दूर किया, ‘बेटी, जा और चिंता मत कर।’

नंबर ४ मरी हुई लड़की को जिन्दा करना ।

याइर नाम के एक अधिकारी ने यीशु से बिनती की, ‘मेरे घर आ! मेरी बच्ची बहुत बीमार है।’ मगर यीशु के वहाँ पहुँचने से पहले ही वह लड़की मर गयी। जब यीशु वहाँ पहुँचा तो उसने देखा कि बहुत-से लोग उस परिवार के साथ दुख मनाने आए थे। यीशु ने उनसे कहा, ‘मत रो, बच्ची बस सो रही है।’ फिर उसने लड़की का हाथ पकड़कर कहा, “बच्ची, उठ!” लड़की फौरन उठ गयी। यीशु ने उसके माता-पिता से कहा कि वे उसे कुछ खाने को दें। ज़रा सोचिए, उस बच्ची के माता-पिता कितने खुश हुए होंगे!

Number - 5

एक बार यीशु और उसके चेले नाव में गलील सागर पार कर रहे थे कि अचानक एक ज़ोरदार आँधी चलने लगी। इस पर चेलों का दिल काँप उठा। पर यीशु ने आँधी की तरफ देखकर कहा: “शश्श! खामोश हो जाओ!” तब आँधी थम गयी और बड़ा सन्नाटा छा गया। 

यीशु ने बड़े-बड़े चमत्कार किए, जो किसी इंसान के बस की बात नहीं। क्योंकि ऐसा करने की शक्‍ति उसे परमेश्वर से मिली थी। यीशु ने अकसर ये चमत्कार सैकड़ों-हज़ारों लोगों के सामने किए। इन चमत्कारों से साबित हुआ कि यीशु के पास उसके दुश्मनों से कहीं ज़्यादा ताकत है और वह उन बड़ी-बड़ी समस्याओं को आसानी से सुलझा सकता है, जिन्हें दूर करना इंसान के लिए नामुमकिन है।

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Wednesday, 29 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 14 अब्राम का परमेश्वर की और से चुना जाना भाग - 3 | लूत को बचाना

















प्रभु येशु मसीह के पवित्र और जीवित नाम में आप सभी को जय मसीह की !

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हमारा आज का विषय है! उत्पत्ति - अध्याय 14 अब्राम का परमेश्वर की और से चुना जाना भाग - 3 |  लूत को बचाना

पहला प्रश्न जब अब्राम को पता चला की विरोधी देश ने उसके भतीजे लूत को बंदी बना लिया तब अब्राम ने अपने भतीजे लूत को बचाने के लिए क्या कदम उठाए ? 

इसका जवाब है। यह सुनकर कि उसका भतीजा बन्धुआई में गया है, अब्राम ने अपने तीन सौ अठारह शिक्षित, युद्ध कौशल में निपुण दासों को ले कर जो उसके कुटुम्ब में उत्पन्न हुए थे, अस्त्र शस्त्र धारण करके दान तक उनका पीछा किया। और अपने दासों के अलग अलग दल बान्धकर रात को उन पर चढ़ाई करके उन को मार लिया और होबा तक, जो दमिश्क की उत्तर ओर है, उनका पीछा किया। और सारे धन को, और अपने भतीजे लूत, और उसके धन को, और स्त्रियों को, और सब बन्धुओं को, लौटा ले आया।

उत्पत्ति - अध्याय 14 वचन 14 से 16



FreeBibleimages :: Gideon pursues the Midianites :: Gideon persues ...

प्रश्न दूसरा किस राजा ने अब्राम की विजय पर उसे बहुत सारी आषीषे दी ?

इसका जवाब जब शालेम का राजा मेल्कीसेदेक, जो परमप्रधान ईश्वर का याजक था, रोटी और दाखमधु ले आया। और उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, कि परमप्रधान ईश्वर की ओर से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, तू धन्य हो। और धन्य है परमप्रधान ईश्वर, जिसने तेरे द्रोहियों को तेरे वश में कर दिया है। तब अब्राम ने उसको सब का दशमांश दिया।

उत्पत्ति - अध्याय 14 वचन 18 से 20

प्रश्न तीसरा जब सदोम के राजा ने अब्राम को धन दौलत देने की कोशिश की तो अब्राम ने उसे क्या उत्तर दिया ?

इसका जवाब जब सदोम के राजा ने अब्राम से कहा, प्राणियों को तो मुझे दे, और धन को अपने पास रख। अब्राम ने सदोम के राजा से कहा, परमप्रधान ईश्वर यहोवा, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है उसकी मैं यह शपथ खाता हूं, कि जो कुछ तेरा है उस में से न तो मैं एक सूत, और न जूती का बन्धन, न कोई और वस्तु लूंगा; कि तू ऐसा न कहने पाए, कि अब्राम मेरे ही कारण धनी हुआ। पर जो कुछ इन जवानों ने खा लिया है और उनका भाग जो मेरे साथ गए थे; अर्थात आनेर, एश्कोल, और माम्रे मैं नहीं लौटाऊंगा वे तो अपना अपना भाग रख लें॥

Abram and his nephew Lot, their families, flocks and herds settled in Bethel in Canaan, living alongside the local Canaanite tribes. Abraham had become very wealthy in livestock plus silver and gold. – Slide 1


उत्पत्ति - अध्याय 14 वचन 21 से 24

याद करने योग्य वचन 

तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। 

नीतिवचन - अध्याय 3 वचन  5 से 6






















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प्रभु आप सबको आशीष दे! जय मसीह की!



Monday, 27 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 13 परमेश्वर की और से अब्राम का चुना जाना भाग - 2 | अब्राम और उसके भतीजे लूत का अलग हो जाना |

प्रभु येशु मसीह के पवित्र और जीवित नाम में आप सभी को जय मसीह की !

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हमारा आज का विषय है! उत्पत्ति - अध्याय 13 परमेश्वर की और से अब्राम का चुना जाना! भाग - 2 | अब्राम और उसके भतीजे लूत का अलग हो जाना |














पहला प्रश्न अब्राम अपने परिवार के साथ किस देश में जा कर रहने लगा ? अब्राम और उसके भतीजे लूत की क्या खासियत थी ?

इसका जवाब है | अब्राम अपनी पत्नी, और अपनी सारी सम्पत्ति ले कर, लूत को भी संग लिये हुए, मिस्र को छोड़ कर कनान के दक्खिन देश में आया। अब्राम भेड़-बकरी, गाय-बैल, और सोने-रूपे का बड़ा धनी था। और लूत के पास भी, जो अब्राम के साथ चलता था, भेड़-बकरी, गाय-बैल, और तम्बू थे।

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 1 - 6

Abram and his nephew Lot, their families, flocks and herds settled in Bethel in Canaan, living alongside the local Canaanite tribes. Abraham had become very wealthy in livestock plus silver and gold. – Slide 1

Lots too had flocks, herds and tents. – Slide 2


दूसरा प्रश्न किन चरवाहों के बीच झगड़ा हुआ | और इस झगड़े का क्या नतीजा निकला ?

इसका जवाब है| सो अब्राम, और लूत की भेड़-बकरी, और गाय-बैल के चरवाहों के बीच में झगड़ा हुआ: और उस समय कनानी, और परिज्जी लोग, उस देश में रहते थे।  तब अब्राम लूत से कहने लगा, मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; क्योंकि हम लोग भाई बन्धु हैं। क्या सारा देश तेरे साम्हने नहीं? सो मुझ से अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दाहिनी ओर जाऊंगा; और यदि तू दाहिनी ओर जाए तो मैं बाईं ओर जाऊंगा।

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 7 - 9

Quarrels arose between the herdsmen looking after Abram’s and Lot’s animals. – Slide 5

But there was not enough pasture for both Abram’s and Lot’s animals to graze. – Slide 3

तीसरा प्रश्न अब्राम के भतीजे लूत ने कौन सी जगह का चुनाव किया ?

इसका जवाब है | तब लूत ने आंख उठा कर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा, कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और अमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की बाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी। सो लूत अपने लिये यरदन की सारी तराई को चुन के पूर्व की ओर चला, और वे एक दूसरे से अलग हो गए।

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 10 - 11

Lot saw that the plain of Jordan (an area around what we now call the Dead Sea) was well watered with good pasture lands. – Slide 7


चौथा प्रश्न अब्राम और उसका भतीजा लूत अलग होने के बाद कहा जाकर रहने लगे ?

इसका जवाब है| अब्राम तो कनान देश में रहा, पर लूत उस तराई के नगरों में रहने लगा; और अपना तम्बू सदोम के निकट खड़ा किया। 

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 12

So Lot, his family and his flocks and herds moved off east to live in the plain of Jordan. They pitched their tents near the city of Sodom. – Slide 9

पांचवा प्रश्न किस देश के लोग परमेश्वर की नज़र में पापी थे ?
इसका जवाब है| सदोम के लोग यहोवा के लेखे में बड़े दुष्ट और पापी थे?

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 13

प्रश्न छ : परमेश्वर ने दर्शन के जरिए अब्राम को क्या आशीषें दी ?

इसका जवाब है| जब लूत अब्राम से अलग हो गया तब उसके पश्चात यहोवा ने अब्राम से कहा, आंख उठा कर जिस स्थान पर तू है वहां से उत्तर-दक्खिन, पूर्व-पश्चिम, चारों ओर दृष्टि कर। क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को युग युग के लिये दूंगा। और मैं तेरे वंश को पृथ्वी की धूल के किनकों की नाईं बहुत करूंगा, यहां तक कि जो कोई पृथ्वी की धूल के किनकों को गिन सकेगा वही तेरा वंश भी गिन सकेगा। उठ, इस देश की लम्बाई और चौड़ाई में चल फिर; क्योंकि मैं उसे तुझी को दूंगा।  इसके पशचात् अब्राम अपना तम्बू उखाड़ कर, माम्रे के बांजों के बीच जो हेब्रोन में थे जा कर रहने लगा, और वहां भी यहोवा की एक वेदी बनाई॥

उत्पत्ति - अध्याय 13 वचन 14 - 18

God promised Abram he would bless him and make him the father of a great nation. Those who blessed his descendants would be blessed by God and those who cursed his descendants would be cursed. – Slide 2



याद करने के लिए वचन ! 

यीशु ने उस को उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।

यूहन्ना - अध्याय 3 : 3

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Thursday, 23 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 12 परमेश्वर ने अपने कार्य के लिए किसे चुना | परमेश्वर की और से अब्राम के बुलाए जाने का वर्णन ।


प्रश्न 1 परमेश्वर ने अपनी योजनाओ को पूरा करने के लिए किस मनुष्य को चुना और क्या आशीष दी ?

इसका जवाब है! यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा।

और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा। और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे। यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 1 से 4

Abraham, the Father of Faith | True Faith

प्रश्न 2 परमेश्वर के आदेश के मुताबिक अब्राम अपने परिवार के साथ किस देश में जा पहुंचा ?

इसका जवाब है! सो अब्राम अपनी पत्नी सारै, और अपने भतीजे लूत को, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किए थे, सब को ले कर कनान देश में जाने को निकल चला; और वे कनान देश में आ भी गए।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 6

Genesis 11 v 27-32 Abram obeyed and set off with his wife Sarai, his father Terah and his nephew Lot. – Slide 3

प्रश्न 3 कनान देश के विषय में अब्राम को परमेश्वर ने क्या आशीष दी ?

इसका जवाब है! तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, यह देश मैं तेरे वंश को दूंगा: और उसने वहां यहोवा के लिये जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 7

God promised Abram he would bless him and make him the father of a great nation. Those who blessed his descendants would be blessed by God and those who cursed his descendants would be cursed. – Slide 2

प्रश्न 4 क्या कारण था की अब्राम को वह देश छोड़ कर जाना पड़ा ?

इसका जवाब है! और उस देश में अकाल पड़ा: और अब्राम मिस्र देश को चला गया कि वहां परदेशी हो कर रहे -- क्योंकि देश में भयंकर अकाल पड़ा था।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 10


प्रश्न 5 जब अब्राम अपने परिवार के साथ मिस्र की और जाने लगा तो क्या कारण था की अब्राम ने अपनी पत्नी से कहा की यह तू मेरी बहन बन कर रहना ?

इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि मिस्र के निकट पहुंचकर, उसने अपनी पत्नी सारै से कहा, सुन, मुझे मालूम है, कि तू एक सुन्दर स्त्री है: इस कारण जब मिस्री तुझे देखेंगे, तब कहेंगे, यह उसकी पत्नी है, सो वे मुझ को तो मार डालेंगे, पर तुझ को जीती रख लेंगे। सो यह कहना, कि मैं उसकी बहिन हूं; जिस से तेरे कारण मेरा कल्याण हो और मेरा प्राण तेरे कारण बचे।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 11 से 13

As they entered Egypt Abram became worried. His wife Sarai was very beautiful. He feared that Pharaoh might kill him so he could take Sarai as his wife. So, he told Sarai to pretend she was not his wife but his sister. – Slide 14

प्रश्न 6 अब्राम की पत्नी के कारण मिस्रियों ने अब्राम से क्या वयवहार किया ?

इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि जब अब्राम मिस्र में आया, तब मिस्रियों ने उसकी पत्नी को देखा कि यह अति सुन्दर है। और फिरौन के हाकिमों ने उसको देखकर फिरौन के साम्हने उसकी प्रशंसा की: सो वह स्त्री फिरौन के घर में रखी गई। और उसने उसके कारण अब्राम की भलाई की; सो उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, दास-दासियां, गदहे-गदहियां, और ऊंट मिले।

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 11 से 13

Abram brought back Lot, the captive people, and their possessions. The king of Salem met Abram and blessed him: 'Blessed be Abram of God Most High, Possessor of heaven and earth; And blessed be God Most High, Who has delivered your enemies into your hand.’ He gave him a tenth of all. Genesis 14:19-20 (NASB). – Slide 9

प्रश्न 7 क्या कारण था की परमेश्वर ने मिस्र के राजा पर परेशानिया डाली ? और जब राजा को सचाई की पता चला तो उसने क्या किया ?

इसका जवाब है! तब यहोवा ने फिरौन और उसके घराने पर, अब्राम की पत्नी सारै के कारण बड़ी बड़ी विपत्तियां डालीं। सो फिरौन ने अब्राम को बुलवा कर कहा, तू ने मुझ से क्या किया है? तू ने मुझे क्यों नहीं बताया कि वह तेरी पत्नी है? तू ने क्यों कहा, कि वह तेरी बहिन है? मैं ने उसे अपनी ही पत्नी बनाने के लिये लिया; परन्तु अब अपनी पत्नी को ले कर यहां से चला जा। और फिरौन ने अपने आदमियों को उसके विषय में आज्ञा दी और उन्होंने उसको और उसकी पत्नी को, सब सम्पत्ति समेत जो उसका था, विदा कर दिया॥

उत्पत्ति - अध्याय 12 वचन 17 से 20

Pharaoh’s officials told Pharaoh how beautiful Abram’s ‘sister’ was and he took her into his palace. He gave Abram cattle, donkeys servants and gifts. – Slide 15

याद करने के लिए वचन !

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।

यूहन्ना - अध्याय 1  वचन 12



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Wednesday, 22 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 11 इस धरती पर भाषाओ का जन्म कैसे हुआ । बाबेल के गुम्मट की कहानी ।



भूमिका 















अपने चारो और देखिये आपको सब कुछ सामान्य दिखेगा लेकिन एक बात है जो मनुष्य को दूसरे मनुष्य से भिन्न करती है अर्थात उनकी बोली कोई पंजाबी, कोई मराठी, कोई बिहारी, कोई बंगाली, आदि बहुत सी भाषाओ में लोग एक दूसरे से बात करते है लेकिन क्या कभी अपने सोचा की ऐसा क्यों जब सभी सामान्य है तो मनुष्य की बोली में अंतर् क्यों आइए जानते है इसकी सचाई और पवित्र शास्त्र बाइबल इस विषय के बारे में क्या कहती है ।

प्रश्न 1 प्राचीन समय में धरती पर कितनी भाषाए थी ?

इसका जवाब है!  सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी।

उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 1

Introduction to Section 5 | Children's Bible Lessons

प्रश्न 2 मनुष्यो ने एक साथ रहने के विषय में क्या योजना बनाई ?

इसका जवाब है! तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।

उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 3 से 4


Did Our Languages Come From the “Tower of Babel”?


प्रश्न 3 परमेश्वर ने जब देखा की लोग एक किला रहने के लिए बना रहे है तो उनके साथ क्या बर्ताव किया ?

इसका जवाब है! जब लोग नगर और गुम्मट बनाने लगे; तब इन्हें देखने के लिये यहोवा उतर आया। और यहोवा ने कहा, मैं क्या देखता हूं, कि सब एक ही दल के हैं और भाषा भी उन सब की एक ही है, और उन्होंने ऐसा ही काम भी आरम्भ किया; और अब जितना वे करने का यत्न करेंगे, उस में से कुछ उनके लिये अनहोना न होगा। इसलिये आओ, हम उतर के उनकी भाषा में बड़ी गड़बड़ी डालें, कि वे एक दूसरे की बोली को न समझ सकें। इस प्रकार यहोवा ने उन को, वहां से सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया; और उन्होंने उस नगर का बनाना छोड़ दिया। इस कारण उस नगर को नाम बाबुल पड़ा; क्योंकि सारी पृथ्वी की भाषा में जो गड़बड़ी है, सो यहोवा ने वहीं डाली, और वहीं से यहोवा ने मनुष्यों को सारी पृथ्वी के ऊपर फैला दिया॥

उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 5 से 9

The Tower of Babel | Children's Bible Lessons

प्रश्न 4 क्या कारण था की परमेश्वर ने मनुष्य के बनाए गुम्मट को अर्थात किले को क्रोधित हो कर नाश कर दिया ? 

इसका जवाब है! परमेश्वर ने मनुष्यो की सृष्टि इसलिए की थी क्युकी परमेश्वर चाहता था की मनुष्य धरती पर फैल जाए और धरती मनुष्यो से भर जाए लेकिन बाबेल का गुम्मट बनाने वाले मनुष्यो ने आपस में सहमति कर के कहा की हम एक किला बनाएँगे और सब साथ रहेंगे जैसा की लिखा है तब वे आपस में कहने लगे, कि आओ; हम ईंटें बना बना के भली भाँति आग में पकाएं, और उन्होंने पत्थर के स्थान में ईंट से, और चूने के स्थान में मिट्टी के गारे से काम लिया। फिर उन्होंने कहा, आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जिसकी चोटी आकाश से बातें करे, इस प्रकार से हम अपना नाम करें ऐसा न हो कि हम को सारी पृथ्वी पर फैलना पड़े।

उत्पत्ति - अध्याय 11 वचन 3 से 4

जिसका अर्थ यह की वह परमेश्वर के दी हुई आज्ञा का विरोध कर रहे थे जैसा की परमेश्वर ने आदम से कहा था । और परमेश्वर ने उन को आशीष दी! और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ! उत्पत्ति - अध्याय 1 वचन 28


लेकिन बाबेल का किला बनाने वाले मनुष्य इस आज्ञा का विरोध कर रहे थे और धरती पर फैलना नहीं चाहते थे बल्कि एक साथ रहना चाहते थे यही कारण था की परमेश्वर ने मनुष्यो को भाषा में गड़बड़ी डाल दी जिस वजह से वह एक दूसरे की भाषा को समझ नहीं पाए और अलग अलग हो गए ।

















याद करने के लिए वचन 

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।

यूहन्ना - अध्याय 14 वचन 6


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Monday, 20 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 6 परमेश्वर दवारा धरती लाया गया पहली बार विनाश । नूह की कहानी ।

















प्रश्न 1 परमेश्वर के पुत्रो का मनुष्य की पुत्रियों से विवाह करने क्या कारण था ?

इसका जवाब है! तब परमेश्वर के पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों को देखा, कि वे सुन्दर हैं; सो उन्होंने जिस जिस को चाहा उन से ब्याह कर लिया।

उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 2

Dreams Rapture, Heaven, Angels!!! - YouTube

प्रश्न 2 क्या कारण था की परमेश्वर ने मनुष्य की आयु को सिमित कर दिया ?

इसका जवाब है! और यहोवा ने कहा, मेरा आत्मा मनुष्य से सदा लों विवाद करता न रहेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है: उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।

उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 3

A Biblical Case for Awesome Beards | RELEVANT Magazine

प्रश्न 3 उन दिनों धरती पर कौन रहा करते थे । पवित्रशास्त्र के मुताबिक शूरवीरो का जन्म कैसे हुआ ?

इसका जवाब है! उन दिनों में पृथ्वी पर दानव रहते थे; और इसके पश्चात जब परमेश्वर के पुत्र मनुष्य की पुत्रियों के पास गए तब उनके द्वारा जो सन्तान उत्पन्न हुए, वे पुत्र शूरवीर होते थे, जिनकी कीर्ति प्राचीन काल से प्रचलित है।

उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 4

7 Things You Didn't Learn About Samson in Sunday School | Biblica ...
प्रश्न 4 वह क्या कारण था की परमेश्वर ने धरती के विनाश की योजना बनाई ?

इसका जवाब है! और यहोवा ने देखा, कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है। और यहोवा पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया, और वह मन में अति खेदित हुआ। तब यहोवा ने सोचा, कि मैं मनुष्य को जिसकी मैं ने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा; क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगने वाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, सब को मिटा दूंगा क्योंकि मैं उनके बनाने से पछताता हूं।

उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 4 से 7

Bible | Philadelphia Church of God

प्रश्न 5 ऐसा कौन सा व्यक्ति था जिस पर परमेश्वर की अनुग्रह की दृष्टि थी ? उसमे ऐसी क्या खासियत थी ?

इसका जवाब है! परन्तु यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर बनी रही॥ नूह की वंशावली यह है। नूह धर्मी पुरूष और अपने समय के लोगों में खरा था, और नूह परमेश्वर ही के साथ साथ चलता रहा।

उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 8 से 9

Book of Genesis Chapter 6-7 (Bible Illustrations by Sweet Media).jpg

प्रश्न 6 नूह के पुत्रो के क्या नाम है ?

इसका जवाब है! और नूह से, शेम, और हाम, और येपेत नाम, तीन पुत्र उत्पन्न हुए।

उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 10

Book of Genesis Chapter 6-11 (Bible Illustrations by Sweet Media).jpg

प्रश्न 7 नूह के समय में धरती के क्या हालात थे ? इस विषय पर परमेश्वर ने नूह से क्या बातचीत की ? 

इसका जवाब है! उस समय पृथ्वी परमेश्वर की दृष्टि में बिगड़ गई थी, और उपद्रव से भर गई थी। और परमेश्वर ने पृथ्वी पर जो दृष्टि की तो क्या देखा, कि वह बिगड़ी हुई है; क्योंकि सब प्राणियों ने पृथ्वी पर अपनी अपनी चाल चलन बिगाड़ ली थी। तब परमेश्वर ने नूह से कहा, सब प्राणियों के अन्त करने का प्रश्न मेरे साम्हने आ गया है; क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है, इसलिये मैं उन को पृथ्वी समेत नाश कर डालूंगा।

उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 11 से 13



प्रश्न 8 परमेश्वर ने नूह और उसके परिवार को इस विनाश से बचने के लिए क्या कार्य करने को कहा ?

इसका जवाब है! इसलिये तू गोपेर वृक्ष की लकड़ी का एक जहाज बना ले, उस में कोठरियां बनाना, और भीतर बाहर उस पर राल लगाना। और इस ढंग से उसको बनाना: जहाज की लम्बाई तीन सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ, और ऊंचाई तीस हाथ की हो। जहाज में एक खिड़की बनाना, और इसके एक हाथ ऊपर से उसकी छत बनाना, और जहाज की एक अलंग में एक द्वार रखना, और जहाज में पहिला, दूसरा, तीसरा खण्ड बनाना। और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जलप्रलय करके सब प्राणियों को, जिन में जीवन की आत्मा है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूं: और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएंगे। परन्तु तेरे संग मैं वाचा बान्धता हूं: इसलिये तू अपने पुत्रों, स्त्री, और बहुओं समेत जहाज में प्रवेश करना। एक एक जाति के पक्षी, और एक एक जाति के पशु, और एक एक जाति के भूमि पर रेंगने वाले, सब में से दो दो तेरे पास आएंगे, कि तू उन को जीवित रखे। और भांति भांति का भोज्य पदार्थ जो खाया जाता है, उन को तू ले कर अपने पास इकट्ठा कर रखना सो तेरे और उनके भोजन के लिये होगा। परमेश्वर की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।

उत्पत्ति - अध्याय 6 वचन 14 से 22

Book of Genesis Chapter 6-8 (Bible Illustrations by Sweet Media).jpg

Noah's Ark | Bible Story

प्रश्न 9 परमेश्वर ने कितने दिनों तक धरती पर वर्षा करने की योजना बनाई ?

इसका जवाब है! क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा; जितनी वस्तुएं मैं ने बनाईं हैं सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूंगा।

उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 4

Book of Genesis Chapter 7-8 (Bible Illustrations by Sweet Media).jpg

प्रश्न 10 नूह उस समय कितने वर्ष का था जिस समय जलप्रलय धरती पर आया ?

इसका जवाब है! नूह की अवस्था छ: सौ वर्ष की थी, जब जलप्रलय पृथ्वी पर आया।

उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 6

प्रश्न 11 जलप्रलय से धरती पर क्या प्रभाव पड़ा वर्णन करें ?

इसका जवाब है! और पृथ्वी पर चालीस दिन तक प्रलय होता रहा; और पानी बहुत बढ़ता ही गया जिस से जहाज ऊपर को उठने लगा, और वह पृथ्वी पर से ऊंचा उठ गया। और जल बढ़ते बढ़ते पृथ्वी पर बहुत ही बढ़ गया, और जहाज जल के ऊपर ऊपर तैरता रहा। और जल पृथ्वी पर अत्यन्त बढ़ गया, यहां तक कि सारी धरती पर जितने बड़े बड़े पहाड़ थे, सब डूब गए। जल तो पन्द्रह हाथ ऊपर बढ़ गया, और पहाड़ भी डूब गए और क्या पक्षी, क्या घरेलू पशु, क्या बनैले पशु, और पृथ्वी पर सब चलने वाले प्राणी, और जितने जन्तु पृथ्वी मे बहुतायत से भर गए थे, वे सब, और सब मनुष्य मर गए। जो जो स्थल पर थे उन में से जितनों के नथनों में जीवन का श्वास था, सब मर मिटे। और क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगने वाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, जो जो भूमि पर थे, सो सब पृथ्वी पर से मिट गए; केवल नूह, और जितने उसके संग जहाज में थे, वे ही बच गए। और जल पृथ्वी पर एक सौ पचास दिन तक प्रबल रहा॥

उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 17 से 24

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प्रश्न 12 यह जांचने के लिए की जल धरती पर से काम हुआ या नहीं नूह ने क्या योजना बनाई ?

इसका जवाब है! फिर ऐसा हुआ कि चालीस दिन के पश्चात नूह ने अपने बनाए हुए जहाज की खिड़की को खोल कर, एक कौआ उड़ा दिया: वह जब तक जल पृथ्वी पर से सूख न गया, तब तक कौआ इधर उधर फिरता रहा। फिर उसने अपने पास से एक कबूतरी को उड़ा दिया, कि देखें कि जल भूमि से घट गया कि नहीं। उस कबूतरी को अपने पैर के तले टेकने के लिये कोई आधार ने मिला, सो वह उसके पास जहाज में लौट आई: क्योंकि सारी पृथ्वी के ऊपर जल ही जल छाया था तब उसने हाथ बढ़ा कर उसे अपने पास जहाज में ले लिया। तब और सात दिन तक ठहर कर, उसने उसी कबूतरी को जहाज में से फिर उड़ा दिया। और कबूतरी सांझ के समय उसके पास आ गई, तो क्या देखा कि उसकी चोंच में जलपाई का एक नया पत्ता है; इस से नूह ने जान लिया, कि जल पृथ्वी पर घट गया है। फिर उसने सात दिन और ठहरकर उसी कबूतरी को उड़ा दिया; और वह उसके पास फिर कभी लौट कर न आई।

उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 6 से 12

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Book of Genesis Chapter 8-8 (Bible Illustrations by Sweet Media).jpg

प्रश्न 13 धरती से जल को सूखने में कितना समय लगा ?

इसका जवाब है!  फिर ऐसा हुआ कि छ: सौ एक वर्ष के पहिले महीने के पहिले दिन जल पृथ्वी पर से सूख गया। तब नूह ने जहाज की छत खोल कर क्या देखा कि धरती सूख गई है। और दूसरे महीने के सताईसवें दिन को पृथ्वी पूरी रीति से सूख गई॥

उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 13 से 14

प्रश्न 15 जल के सूखने के बाद नूह ने क्या किया ?

इसका जवाब है! तब नूह, और उसके पुत्र, और पत्नी, और बहुएं, निकल आईं: और सब चौपाए, रेंगने वाले जन्तु, और पक्षी, और जितने जीवजन्तु पृथ्वी पर चलते फिरते हैं, सो सब जाति जाति करके जहाज में से निकल आए। तब नूह ने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई; और सब शुद्ध पशुओं, और सब शुद्ध पक्षियों में से, कुछ कुछ ले कर वेदी पर होमबलि चढ़ाया।

उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 18 से 20

Book of Genesis Chapter 8-13 (Bible Illustrations by Sweet Media).jpg

प्रश्न 16 परमेश्वर ने धरती के विनाश को लेकर नूह से क्या वादा किया । इस प्रलय का धरती के पर्यावरण पर क्या असर पड़ा ?

इसका जवाब है! इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, कि मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को शाप न दूंगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है; तौभी जैसा मैं ने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उन को फिर कभी न मारूंगा। अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठण्ड और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएंगे॥

उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 21 से 22

प्रश्न 17 परमेश्वर ने इस वचन को जो नूह से किया था क्या चिन्ह रखा ?

इसका जवाब है! और मैं तुम्हारे साथ अपनी इस वाचा को पूरा करूंगा; कि सब प्राणी फिर जलप्रलय से नाश न होंगे: और पृथ्वी के नाश करने के लिये फिर जलप्रलय न होगा। फिर परमेश्वर ने कहा, जो वाचा मैं तुम्हारे साथ, और जितने जीवित प्राणी तुम्हारे संग हैं उन सब के साथ भी युग युग की पीढिय़ों के लिये बान्धता हूं; उसका यह चिन्ह है: कि मैं ने बादल में अपना धनुष रखा है वह मेरे और पृथ्वी के बीच में वाचा का चिन्ह होगा। और जब मैं पृथ्वी पर बादल फैलाऊं तब बादल में धनुष देख पड़ेगा।

उत्पत्ति - अध्याय 7 वचन 11 से 14

God's Covenant with Noah - Bible Story



याद करने के लिए वचन! 

इसलिये तुम मेरी विधियों को मानना, और मेरे नियमों पर समझ बूझकर चलना; क्योंकि ऐसा करने से तुम उस देश में निडर बसे रहोगे।

लैव्यवस्था - अध्याय 25 : 18


Friday, 17 April 2020

उत्पत्ति - अध्याय 4 मनुष्य के दवारा किया जाने वाला सबसे पहला अपराध । कैन और हाबिल की कहानी ।

भूमिका 

बाइबल के अनुसार, पाप परमेश्वर के मार्गों में चलने की अपेक्षा अपने स्वयं के मार्गों पर चलने का एक व्यवहार है। परमेश्वर पाप को सहन नहीं कर सकता है। परमेश्वर पाप से घृणा करता है। तौभी हमारे लिए, पाप हमें अच्छा लगता है, और हम इसे करते हैं। आदम और हव्वा की तरह, हम सोचते हैं कि हम बुराई को जान सकते हैं और तौभी हम इसके द्वारा विजयी नहीं हो सकते हैं। हम परमेश्वर के सदृश नहीं बन सकते हैं। परमेश्वर बुराई के अस्तित्व को जानता है, तौभी परमेश्वर बुरा नहीं है न ही वह बुरा करता है। हम, दूसरी ओर, इससे आकर्षित होते हैं, और हम इसे करने के लिए स्वयं को दे देते हैं। जब कभी आप पाप करते हैं, परमेश्वर का आप के भीतर वास करने वाला आत्मा दुखित होता है। कई बार वह आपको दोषी होने का अहसास कराएगा। पाप करते हुए, आप उसी क्षण अपने लिए प्रभु की इच्छा की अपेक्षा स्वयं पर निर्भर जीवन को जीवन का चुनाव करते हैं। यह परमेश्वर को आपसे घृणा करने का कारण नहीं बनाता है। वह आप से तब भी प्रेम करता है। परन्तु यह उसे शोकित करता है:"परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है।" (इफिसियों 4 वचन 30)। यह समझने के लिए कि पाप कैसे आपको प्रभावित करता है, आइए परमेश्वर के साथ आपके सम्बन्ध और परमेश्वर के साथ आपकी संगति के मध्य की भिन्नता को देखें।














प्रश्न 1 आदम और हवा के बच्चो के नाम क्या है ? और वह क्या काम करते थे ?

इसका जवाब है! आदम अपनी पत्नी हव्वा के पास गया तब उसने गर्भवती हो कर कैन को जन्म दिया और कहा, मैं ने यहोवा की सहायता से एक पुरूष पाया है। फिर वह उसके भाई हाबिल को भी जन्मी, और हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमि की खेती करने वाला किसान बना।

उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 1 से 2

Adam and Eve had a baby boy who they named Cain. Later, Eve gave birth to another son who was named Abel. – Slide 1

When they grew up, Cain cultivated the ground while Abel became a shepherd.  – Slide 2
प्रश्न 2 कैन और हाबिल ने परमेश्वर को क्या भेंट किया ? और परमेश्वर किसी भेंट को स्वीकार किया ?

इसका जवाब है! कुछ दिनों के पश्चात कैन यहोवा के पास भूमि की उपज में से कुछ भेंट ले आया। और हाबिल भी अपनी भेड़-बकरियों के कई एक पहिलौठे बच्चे भेंट चढ़ाने ले आया और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई; तब यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया,परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुंह पर उदासी छा गई।

उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 3 से 5

When it was time for the harvest, Cain presented some of his crops as a gift to the Lord. Abel also brought a gift, the best of the firstborn lambs from his flock.  – Slide 3

The Lord accepted the sacrifice Abel gave, but He did not accept the gift Cain gave. This made Cain very angry and dejected. – Slide 4

प्रश्न 3 परमेश्वर ने कैन की भेंट स्वीकार ना करने का क्या कारण बताया ?

इसका जवाब है! तब यहोवा ने कैन से कहा, तू क्यों क्रोधित हुआ? और तेरे मुंह पर उदासी क्यों छा गई है? यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? और यदि तू भला न करे, तो पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी और होगी, और तू उस पर प्रभुता करेगा।

उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 6 से 7

‘Why are you so angry?’ the Lord asked Cain. ‘You will be accepted if you do what is right. But if you refuse to do what is right, then watch out! Sin is crouching at the door, eager to control you. But you must subdue it and be its master.’ – Slide 5

प्रश्न 4 कैन ने क्रोध में आकर हाबिल के साथ क्या बर्ताव किया ?

इसका जवाब है! तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा: और जब वे मैदान में थे, तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़ कर उसे घात किया।

उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 8

While they were in the field, Cain attacked his brother, Abel, and killed him. – Slide 7

प्रश्न 5 जब परमेश्वर ने कैन से उसके छोटे भाई हाबिल के बारे में पूछा तब कैन ने परमेश्वर को क्या उत्तर दिया ?

इसका जवाब है! तब यहोवा ने कैन से पूछा, तेरा भाई हाबिल कहां है? उसने कहा मालूम नहीं: क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूं?

उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 9

Afterward the Lord asked Cain, ‘Where is your brother? Where is Abel?’ – Slide 8

प्रश्न 6 कैन ने जो अपराध किया था परमेश्वर ने इस अपराध की कैन को क्या सजा दी ?

इसका जवाब है! उसने कहा, तू ने क्या किया है? तेरे भाई का लोहू भूमि में से मेरी ओर चिल्ला कर मेरी दोहाई दे रहा है! इसलिये अब भूमि जिसने तेरे भाई का लोहू तेरे हाथ से पीने के लिये अपना मुंह खोला है, उसकी ओर से तू शापित है। चाहे तू भूमि पर खेती करे, तौभी उसकी पूरी उपज फिर तुझे न मिलेगी, और तू पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा होगा।

उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 10 से 12

‘I don’t know,’ Cain responded. ‘Am I my brother’s guardian?’ ‘What have you done?’ God replied. ‘Listen! Your brother’s blood cries out to me from the ground!  Now you are cursed and banished. The ground will no longer yield good crops for you, no matter how hard you work! From now on you will be a homeless wanderer on the earth.’ – Slide 9

प्रश्न 7 कैन को परमेश्वर ने जो सजा दी उसे ले कर कैन ने परमेश्वर से क्या निवेदन किया ?

इसका जवाब है! तब कैन ने यहोवा से कहा, मेरा दण्ड सहने से बाहर है। देख, तू ने आज के दिन मुझे भूमि पर से निकाला है और मैं तेरी दृष्टि की आड़ मे रहूंगा और पृथ्वी पर बहेतू और भगोड़ा रहूंगा; और जो कोई मुझे पाएगा, मुझे घात करेगा। इस कारण यहोवा ने उससे कहा, जो कोई कैन को घात करेगा उससे सात गुणा पलटा लिया जाएगा। और यहोवा ने कैन के लिये एक चिन्ह ठहराया ऐसा ने हो कि कोई उसे पाकर मार डाले॥

उत्पत्ति - अध्याय 4 वचन 13 से 15

‘My punishment is too great to bear!’ Cain uttered. ‘You have banished me and made me a homeless wanderer. Anyone who finds me will kill me!’ ‘No,’ the Lord replied. ‘If anyone murders you their punishment will be seven times greater.’ – Slide 10

The Lord put a mark on Cain to warn anyone who might try to kill him. So Cain left the Lord’s presence and settled in the land of Nod, east of Eden. – Slide 11


याद करने के लिए वचन!

इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा॥

मत्ती - अध्याय 6 वचन 15 से 16